मां शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई?
(प्रमोद कुमार पाठक)
मां शब्द की उत्पत्ति सभी जीवों की उत्पत्ति से पहले हुई। इसलिए की मां नहीं तो हम नहीं।आखिर मां तो सबकी होती है।मां तो मां होती है। मां देवों, दानवों,यक्षों,गन्धर्वों अर्थात् सभी जीवों की होती है। जिस प्रकार धरती पर बिना जल के जीवन संभव नहीं होता उसी प्रकार बिना मां के जीवन संभव नहीं होता है।
जल में ज से जन्म एवं ल से लय अर्थात् जीवन और मृत्यु दोनों हैं पर मां में केवल ज है जन्म है,पालन है,पोषण है,रक्षण है,शिक्षण है,प्रशिक्षण है।मां ही प्रथम गुरु है।मां ने ही उंगली पकड़कर चलना सिखाया। मां ने ही अमृत पिलाया। मां ने जल के जीवन में से ज को लिया और ल को अर्थात् लय को अपने लिए स्वीकार कर लिया। मां ने अपनी आंचल की छाँव में जीवन को स्वीकार करना सिखाया।
जगज्जननी माता इसीलिए सबकी पूजनीया हैं। देवी भागवत(दुर्गा सप्तशती) में कहा गया है- तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः। जो समस्त देवताओं तथा महर्षियों की पूज्य हैं उस अम्बिका को हम भक्तिपूर्वक नमस्कार करते हैं, वह हम सबका कल्याण करें।
यही अम्ब शब्द मां शब्द का मूल है। मां शब्द की उत्पत्ति इसी से हुई है। यही अम्ब(मां) अम्बु(जल) बन गया।यही जन्म के बाद पयः (दूध,पानी) बन जाता है। शिशु के प्रथम रुदन में बस दो ही होता है- अम्म,मम्म।अम्ब और अम्बु।यह अम्म हैं अम्ब,मां एवं मम्म है जीवन जल, मां का दूध।इस मम्म में मम मेरा और मां की ममता दोनों ही है।
यह शब्द सभी शब्दों से अनोखा है। यह संस्कृत में मातृ,माता,माते(सम्बोधन में),जननी इत्यादि। ग्रीक में-Meter,लैटिन में- Mater, जर्मन में-Mutter. अंग्रेजी में-मदर तमिल-ताय,अम्मा,माता,अम्मन,कन्नड़- अम्ब,तायी।जेंद अवेस्ता में- मातर, अरबी में- उम्म,वालिदा।उर्दू में- अम्मी। हिन्दी में- मां,माता,अम्मा,मम्मा,मम्मी,माॅम (आजकल प्रचलित)। मैथिली में- माए,माय,मां,माता,अम्मा।भोजपुरी में-माई,इया। बज्जिका में- माए,इया।बंगला में- मां, माता।
मां : कब और कैसे बन गयी मम्मी
भारत में कई भाषाएं और बोलियां हैं। हर क्षेत्र में भाषा में माता को पुकारने के लिए एक विशेष शब्द है परंतु चौंकाने वाली बात यह है कि 'मम्मी' शब्द किसी भी भाषा में उपलब्ध नहीं है। हिंदी की डिक्शनरी में ऐसा कोई शब्द ही नहीं है। सवाल यह है कि जब भारत की किसी भी भाषा में 'मम्मी' शब्द नहीं है तो फिर भारत के ज्यादातर हिस्सों में माता को मम्मी कहकर क्यों पुकारते हैं। आइए जानते हैं।
मम्मी शब्द प्रचलन में कैसे आया
हिंदी एवं उर्दू भाषा के विशेषज्ञ मुंबई निवासी सुनील शर्मा बताते हैं कि हिंदी में माँ और अम्मा शब्द है, जो उर्दू में अम्मी बन गया और अम्मी शब्द हिंदी में फिर "मम्मी" बनकर आ गया। इसलिए यह शब्द आपको सिर्फ उन इलाको में सुनने को मिलेगा जहाँ उर्दू का प्रभाव रहा है, बाकी सब स्थानों पर "माँ" के लिए स्थानीय भाषा के शब्द ही प्रचलित है। यह सही है कि यह शब्द एक अपभृंश है, अम्मा का "अम्मी" और फिर "मम्मी" बन गया। मगर इसका सम्बन्ध जन्मदायी "माँ" से ही है। इसे आप अंग्रेजी में अपनी सुविधानुसार 'mammy' लिख सकते हैं लेकिन ज्यादातर लोग 'mummy' लिखते हैं। शायद वह नहीं जानते 'mummy' को हिंदी में 'ममी' कहेंगे। इसका अर्थ होता है एक शव जैसे रसायन में लपेटकर रखा गया है।
माँ शब्द का अर्थ क्या होता है
"हिन्दी का माता शब्द इंड़ो-यूरोपीय भाषा परिवार के सबसे पुराने शब्दों में एक है। इस शब्द की छाप आज भी इस कुनबे की ज्यादातर भाषाओं पर देखी जा सकती है। इसी वजह से संस्कृत का मातृ, जेंद अवेस्ता में मातर, फारसी-उर्दू में मादर, ग्रीक में meter, लैटिन mater यूनानी में जर्मन में muotar स्लाव में mati, डच में moeder और अंग्रेजी में मदर जैसे संबोधनसूचक शब्द देखने को मिलते हैं। विद्वान इस शब्द की उत्पत्ति अलग अलग ढंग से बताते हैं। संस्कृत में इसके जन्म के पीछे निर्माणसूचक ‘माँ’ धातु मानी जाती है यानि जो निर्माण करे वह माँ।
उर्दू भाषा के 'अम्मी' शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई
हिन्दी सहित कई भारतीय भाषाओं में माँ के लिए अम्मा सहित इससे मिलते जुलते शब्द चलते है जैसे कन्नड़ में अम्ब जो दरअसल संस्कृत के अम्बा से निकले हैं जिसका अर्थ माँ है। भाषा विज्ञानियों के मुताबिक मुस्लिम समाज में बोला जाने वाला अम्मी शब्द भी इससे ही निकला है अम्बा शब्द का मूलआधार संस्कृत धातु अम्ब् है ।