आपदा में नुकसान को कम करने के ब्रिगेडियर प्रमोद सिंह ने दिए टिप्स,बोले दामिनी ऐप से पाये बज्रपात की सटीक जानकारी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार ब्रिगेडियर प्रमोद सिंह ने की बैठक
बलिया: उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार ब्रिगेडियर प्रमोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में बाढ़ आपदा एवं बचाव तथा मॉक एक्सरसाइज की महत्वत्वूर्ण बैठक गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें सम्बन्धित अधिकारियों को सम्भावित बाढ़ से बचाव को लेकर की जाने वाली तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया गया।
बिग्रेडियर श्री सिंह ने आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने की तमाम बारीकियां बताई। साथ ही अधिकारियों को शासन की ओर से निर्धारित उनके दायित्वों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए शासन स्तर से जनपद में इंसीडेन्ट्स रिस्पान्स सिस्टम के तहत विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस, फायर, बाढ़ खण्ड, पंचायती राज, कृषि, वन विभाग, नगर निकाय, लोक निर्माण विभाग, परिवहन, पशुपालन, शिक्षा, जल निगम, विद्युत तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभागो के दायित्वों के क्रम में बाढ़ से पूर्व तैयारियां कर लें। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि हमें इस तरह काम करने की जरूरत है कि राहत कार्य कम से कम कराना पड़े। उन्होंने समुदाय को जागरूक करने के साथ ही सूचना तंत्र को मजबूत करने पर भी विशेष बल दिया।
दामिनी ऐप के जरिए बज्रपात की पाएं सटीक सूचना
ब्रिगेडियर प्रमोद कुमार सिंह ने जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली आपदाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विगत तीन वर्षों में प्रदेश में वज्रपात से 1100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन, लोगों को जागरूक कर वज्रपात से होने वाली घटनाओं में बड़े पैमाने पर कमी लाई जा सकती है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील किया कि सबसे पहले वे सब स्वयं अपने मोबाइल में वज्रपात की सूचना देने वाले महतपूर्ण दामिनी एप को डाउनलोड करें। फिर अपने अधीनस्थ व जनसामान्य लोगों को इसे डाउनलोड करने को प्रेरित करें। यह बज्रपात की सटीक सूचना देना है। बताया कि आगामी जुलाई में बाढ़ से बचाव के लिए प्रदेश स्तरीय मॉक ड्रिल कराई जाएगी। उन्होंने आपदा कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। बैठक में सीआरओ विवेक श्रीवास्तव, सभी एसडीएम, सीएमओ, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह, आपदा लिपिक व अन्य अधिकारी थे।