मई मे बलिया में पी गयी 52 करोड़ की शराब,साल में पीनी है 6 अरब 79 करोड़ की मात्र शराब
लाटरी निकालने से न जाने क्यों कर रही है परहेज सरकार
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। वर्तमान समय मे अंग्रेजी शराब /देशी शराब/बियर की दुकान चलाने वालों की चांदी कट रही है । कारण कि जिनको दुकानें आवंटित हो गयी है उन्ही को पुनः अगले वित्तीय वर्ष में 2019-20 से ही नवीनीकृत कर दिया जा रहा है । पिछले 12 वित्तीय वर्षों पर नजर डाले तो 2009-10 के बाद केवल 2018-19 में ही लाटरी से दुकानों का आवंटन किया गया है । शेष वर्षों में पुरानी दुकानों का ही नवीनीकरण किया गया है । दुकानों के आवंटन में लाटरी सिस्टम से चुनाव होने से किसी भी शराब सिंडिकेट का बोलबाला नही हो पाता था लेकिन इसके न होने से धीरे धीरे सिंडिकेट के हावी होने की खबरे आने लगी है । इस लिये सरकार को पुरानो का नवीनीकरण करने की बजाय लाटरी से ही दुकानों का प्रत्येक वर्ष आवंटन करने की नीति बनानी चाहिये ।
सरकार ने दिया 679 करोड़ का टारगेट
पहली तिमाही में 35,दूसरी तिमाही में 25 और तीसरी व चौथी तिमाही में 20-20 प्रतिशत जमा करने का आदेश
बलिया जैसे जनपद के लिये यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 679 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है । इस वर्ष सरकार ने सभी आवंटियों के लिये निर्धारित लक्ष्य को जमा करने के लिये आदेश भी जारी कर दिया है । इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल मई जून) के लिये 35 प्रतिशत, दूसरी तिमाही (जुलाई अगस्त सितंबर) के लिये 25 प्रतिशत ,तीसरी तिमाही (अक्टूबर नवम्बर दिसंबर ) और चौथी तिमाही (जनवरी फरवरी मार्च ) के लिये 20-20 प्रतिशत राजस्व जमा करने का आदेश जारी कर दिया है । इस आदेश से ही स्पष्ट है कि जिस माह में शराब की खपत ज्यादे होती है उस तिमाही में ज्यादे राजस्व जमा करने का लक्ष्य रखा गया है । इस तरह की मांग शराब के अनुज्ञापियों द्वारा पहले से ही की भी जा रही थी ।
मई में पी गयी 52 करोड़ की अंग्रेजी,देशी और बियर
हम छोटे है तो क्या हुआ मतवाले है,679 करोड़ की साल भर में शराब पीने वाले है । जी हां, इस सोच में मत जाइये कि बलिया छोटा जनपद है ,इसकी आबादी लगभग 40 लाख ही है । ऐसे में इस जनपद में 679 करोड़ की शराब एक साल में कैसे पी जा सकती है । यह सोचने का काम आपका नही सरकार का है, आपका काम सिर्फ पीना है । घबरा क्यो रहे है आपका सहयोग करने के लिये आपके पड़ोसी बिहार वासी तो है ही, जो आपसे अधिक होगा वे हजम कर लेंगे । हुई महंगी बहुत शराब की,थोड़ी थोड़ी पिया करो,वाला गीत अब काफी पीछे छूट गया है । अब सरकार ने ही थोड़ी थोड़ी की जगह ज्यादे ज्यादे पीने की इजाजत दे दी है ।
इस साल बलिया की लगभग 40 लाख की आबादी पर 679 करोड़ की ही तो शराब पीने का लक्ष्य निर्धारित किया है यानी एक आदमी सालभर में लगभग 1700 की ही तो शराब या यूं कहें तो लगभग 145 रुपये की शराब एक माह में पीने की सरकार ने लक्ष्य रखा है । यह लक्ष्य कितना छोटा है ,आप यह सोचिये कि आप प्रदेश के विकास में 145 रुपये प्रतिमाह का योगदान कर रहे है । यह मत भूलिये कि इस सहयोग में आपके पड़ोसियों का भी सहयोग सम्मिलित है ।
पहली तिमाही के बलिया जनपद के लक्ष्य की बात करे तो जनपद वासियों के अतिरेक उत्साह से मई में लगभग 52 करोड़ की अंग्रेजी देशी व बियर पी गयी है ।मई माह में बलिया के शराब के शौकीनों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया है । इस माह में शराब के शौकीनों ने 4,30,743 लीटर अंग्रेजी ,8,05,547 लीटर देशी और 5,53,406 लीटर बियर को पीकर सरकार को अभूतपूर्व सहयोग दिया है । इन तीनो को मिलाकर लगभग 52 करोड़ रुपये का राजस्व मिला हुआ है ।
टेट्रा पैक से बढ़ी है बिक्री
देशी शराब की बोतलों पर जब से टेट्रा पैक की पैकिंग शुरू हुई है,इसकी बिक्री में बेतहाशा वृद्धि हुई है । पहले के ढक्कन पैक को खोलकर लोगो को जितनी पीनी होती थी, उतनी ही पीते थे,शेष को या तो वैसे ही या पानी मिलाकर बाद में पीने के लिये रख लेते थे । इसी का फायदा शराब की तस्करी करने वाले भी उठाते थे और खाली शीशी में बनाई गई शराब भरकर बेच देते थे । जब पकड़े जाते थे तो बार कोड के आधार पर लाइसेंसी पर पहले कार्यवाही हो जाती थी लेकिन जांच में जब जाती थी तो पता चलता था कि यह दुकान की नही , बनाई हुई शराब होती थी । इसी समस्या को दूर करने के लिये टेट्रा पैक की बिक्री शुरू की गई है । इस पैक को खोलने के बाद आपको पूरी शीशी पीनी ही पड़ेगी ।
6 बोतल रख सकता है एक आदमी
आबकारी अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने साथ प्रति व्यक्ति अधिकतम 6 बोतल शराब रखने का अधिकारी है । इससे ज्यादे रखने पर 60 आबकारी अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तार भी हो सकता है । जिला आबकारी अधिकारी बलिया ने बताया कि बलिया में इस समय कही भी शराब की अवैध तस्करी नही हो रही है । कहा कि आबकारी अधिनियम के अनुसार अवैध तस्करी उसको कहते है जिस शराब का टैक्स पेड नही किया गया हो । बलिया में पहले हरियाणा पंजाब आदि प्रदेशो से जो शराब अवैध रूप से आती थी, वह तस्करी थी । आज बलिया में बिना टैक्स पेड की कोई भी शराब नही बिक रही है ।