बददिमाग तहसीलदार बैरिया की करतूत,वरिष्ठ अधिवक्ता को जमीन पर पटका, मचा ग़दर,सख्त कार्यवाही के आश्वासन पर शान्त हुए अधिवक्ता गण
बैरिया, बलिया।। एक दिन पहले एक फरियादी की जमीन पर माननीय न्यायालय का आदेश होने के बावजूद जबरिया दूसरे को कब्जा दिलाने का प्रयास करने वाले और पत्रकारों से उलझने वाले तहसीलदार बैरिया कुर्सी के मद में इतने चूर है कि शनिवार को तहसील प्रांगण में ही एक वरिष्ठ अधिवक्ता को गर्दन में हाथ लगाकर पटक देते है । इससे यह साबित होता है कि यह अधिकारी या तो कानूनी ज्ञान से अनभिज्ञ है या भ्रष्टाचार में लिप्त है ।
बता दे कि तहसीलदार के गलत आचरण के चलते शनिवार को बवाल होते होते बचा। बैरिया तहसील में उस समय हंगामा हो गया, जब तहसीलदार शैलेश चौधरी ने एक बुजुर्ग अधिवक्ता को तहसील सभागार में ही फर्श पर पटक दिया। वह एक समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ सम्पूर्ण समाधान दिवस में बैठे तहसीलदार के पास गए थे। अन्य अधिवक्ताओं ने हंगामा करते हुए तहसील के सभी कार्यालयों व न्यायलयों से कर्मचारियों को निकालकर तालाबन्दी करा दिया।
एसडीएम सीओ के सामने ही पिट गये होते तहसीलदार
अधिवक्ताओं में इतना आक्रोश था कि एसडीएम व अन्य अधिकारियों के साथ बैठे तहसीलदार के सामने पहुंचकर विरोध जताते हुए तहसीलदार के पास पहुंच कर तहसीलदार जिस भाषा का प्रयोग लोगो से कर रहे है,उसी भाषा का प्रयोग करते हुए शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार करने के लिये भी लपके किन्तु समाधान दिवस में मौजूद एसएचओ बैरिया धर्मवीर सिंह, रेवती एसएचओ रमायण सिंह, थानाध्यक्ष दोकटी रोहन राकेश सिंह अपने सहयोगियों के साथ अधिवक्ताओं को किसी तरह रोका और आग्रह कर अधिवक्ताओं को शांत करना चाहा। अधिवक्ता उग्र व आक्रोशित थे। फिर एसडीएम आत्रेय मिश्र ने हाथ जोड़कर तहसीलदार की गलती स्वीकार करते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजने का भरोसा दिया।
बता दे कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमचन्द श्रीवास्तव किसी समस्या के समाधान के लिए सम्पूर्ण समाधान दिवस में अधिकारियों के साथ बैठे तहसीलदार से आग्रह करने गए थे, तभी तहसीलदार शैलेश चौधरी नराज हो गए। अधिवक्ता का गर्दन पकड़कर फर्श पर पटक दिए। यह देख समाधान दिवस में जुटी जनता व अधिकारी अवाक रह गए। पुलिस वालों ने अधिवक्ता को सहारा देकर उठाया। इसकी सूचना अधिवक्ताओं तक पहुंची तो हंगामा की स्थिति उत्पन्न हो गयी।
तहसीलदार के इंतजार में गेट पर धरना देने लगे अधिवक्ता
सैकड़ों की संख्या में तत्काल अधिवक्ता जुटकर तहसीलदार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए एसडीएम से तहसीलदार को बाहर निकालने की मांग करने लगे । तब पुलिस वालों ने एसडीएम के साथ मिलकर मामला सम्भाला। सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता तहसील बन्द कराने के बाद तहसील के मुख्य द्वार पर बैठकर नारेबाजी करते हुए तहसीलदार के बाहर निकलने का इंतेजार करने लगे। मौजूद थानाध्यक्षों के साथ एसडीएम ने अधिवक्ताओं को समझाकर मामला शान्त कराना चाहा, किन्तु अधिवक्ता मौके पर डीएम व एसपी को बुलाने की मांग करने लगे।
एडीएम ने दिया सख्त कार्यवाही का आश्वासन, तब शांत हुए अधिवक्ता
एसडीएम की सूचना पर अपर जिला अधिकारी वित्त व राजस्व राजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गाप्रसाद तिवारी व बांसडीह सीओ राजेश कुमार तिवारी मौके पर पहुचे। अधिवक्ता अपर जिलाधिकारी से तहसीलदार को तत्काल निलंबित करने, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने, उनकी विभागीय जांच कराने की मांग की।अधिवक्ताओं ने उक्त मांगों के साथ तहसीलदार पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक को तहरीर दिया।अपर जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा सख्त कार्रवाई के आश्वासन के बाद अधिवक्ता शांत हुए। वहीं तहसीलदार को पुलिस सुरक्षा में बलिया भेज दिया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता शिवजी सिंह, बसन्त पाण्डेय, रामनरायण सिंह, रुद्रदेव कुँवर, अरुण श्रीवास्तव, देवेन्द्र मिश्र, अजय सिंह, धनन्जय सिंह, शत्रुघ्न सिंह, रामप्रकाश सिंह, चन्द्रशेखर यादव, अजित सिंह, राकेश मिश्र सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे। अधिवक्ताओं ने तहसीलदार पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि तहसीलदार की आदत बन गयी है,यह किसी न किसी से रोज ही बदसलूकी कर रहे है।