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लंपी स्किन बीमारी को लेकर जिलाधिकारी ने जारी की एडवाइजरी, जाने क्या है लक्षण





बलिया: पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से लंपी रोग Lumpy Skin Disease (L.SD) से प्रभावित राज्यों के लिए एडवाइजरी एवं दिशा-निर्देश जारी होने के बाद जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। 


उन्होंने सलाह देते हुए कहा है कि लम्पी स्किन बीमारी (LSD) फैलने पर प्रभावित पशुओं का एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जाना है, ताकि जिससे संक्रमण फैलने से रोका जाए। बीमारी से प्रभावित क्षेत्र के पशुपालकों के साथ-साथ अन्य मानव समुदाय का भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण प्रतिबंधित रहेगा। टीकाकरण अभियान बीमारी फैलने पर प्रभावित ग्राम के पांच किमी दूरी के गांवों में चलाया जायेगा। जागरूकता कार्यक्रम के तहत पशुओं में इस रोग के लक्षण पाये जाने पर पशुपालक को तत्काल विभाग के कन्ट्रोल रूम को सूचित करें। कंट्रोल रूम के प्रभारी उप मुख्य चिकित्साधिकारी सदर डा नरेन्द्र प्रताप सिंह हैं, जिनका मोबाइल नम्बर 9807915253 है।


क्या है लम्पी रोग, क्या है इसके लक्षण?

भारत में कोरोना वायरस और मंकी पॉक्स के बाद एक और रोग मवेशियों में तेजी से फैल रहा है. इस रोग का नाम लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) बताया जा रहा है. जिसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं कई राज्यों में इस रोग से मवेशियों की मौत की भी खबर समाने आ रही है. चलिए बताते हैं आपको इस रोग से जुड़ी सभी जानकारी......


लंपी स्किन डिजीज के कारण

जानकारी के अनुसार ये रोग एक वायरस के चलते मवेशियों में फैल रहा है. जिसे 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' (LSDV) कहा जाता है. इसकी तीन प्रजातियां हैं. जिसमें पहली प्रजाति 'कैप्रिपॉक्स वायरस' (Capripoxvirus) है. इसके अन्य गोटपॉक्स वायरस (Goatpox Virus) और शीपपॉक्स वायरस (Sheeppox Virus) हैं.


लम्पी डिजीज के लक्षण क्‍या हैं

लम्पी डिजीज की बात करें तो पशुओं शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं. वायरस के कारण पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है. बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता बहुत ज्‍यादा गिरने लगती है. इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते दिखने लगते हैं.


लम्पी डिजीज फैलने की वजह

बताया जा रहा है कि लम्पी डिजीज संक्रमित गाय के संपर्क में आने से दूसरी गायों में फैलती है. यह रोग मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान फैल सकती है. यही नहीं दूषित गाय के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है. इसके कारण अबतक कई गायों की मौत की खबर आ चुकी।




लम्पी रोग अत्यंत संक्रामक है जिससे सावधान रहने की जरूरत है. गुजरात और राजस्‍थान में इसके सबसे ज्‍यादा मामले सामने आ रहे हैं. गुजरात के पशुपालन और गाय पालन मंत्री ने जामनगर में कहा कि गुजरात में अभी के समय 62 हजार पशु जो लम्पी से पीड़ित थे उसमें से 46 हजार से ज्यादा पशु स्वस्थ हो गये हैं और 2200 से अधिक पशुओं की मृत्यु हुई है. सरकार स्थिति के मुताबिक इस बिमारी पर नियंत्रण करने के लिए कार्रवाई कर रही है.


इधर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जामनगर ज़िले में लम्पी स्किन रोग से प्रभावित मवेशियों का इलाज और टीकाकरण किए जा रहे केंद्र के स्थल का दौरा किया है. जामनगर ज़िले में लम्पी स्किन रोग से पीड़ित मवेशियों का इलाज और टीकाकरण किया जा रहा है. पशुपालन विभाग के सचिव ने बताया कि हमारे पास अभी 30 लाख से ज़्यादा का वैक्सीन स्टॉक है. पूरे राज्य में मवेशियों की आबादी करीब 1 करोड़ है लेकिन 1% से भी कम मवेशी इससे प्रभावित हैं.


लम्पी रोग अत्यंत संक्रामक

इधर राजस्‍थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोवंश में फैल रहे लम्पी चर्म रोग को अत्‍यंत संक्रामक बताते हुए पशुपालकों से सावधान रहने की अपील की है. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकार इसकी रोकथाम व बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. गहलोत ने पिछले दिनों ट्वीट करके कहा कि गोवंश में फैल रहा लम्पी चर्म रोग अत्यंत संक्रामक है. राज्य सरकार इसकी रोकथाम एवं इससे बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. अपने पशुओं को इससे बचाने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करें.