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स्वास्थ्य विभाग का ऐसा दबंग बाबू जो लखनऊ रहकर बलिया से लेता है वेतन



मधुसूदन सिंह

बलिया।। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की कुंडली हमेशा चर्चा मे रहने के लिये शायद बनी हुई है। बलिया ऐसा जनपद है जहां स्वास्थ्य विभाग मे कुछ भी असंभव नही दिखता है। सीएमओ कार्यालय के अगल बगल हो, जिला अस्पताल के आगे पीछे हो, महिला अस्पताल के आसपास हो, अवैध पैथोलॉजी, अल्ट्रासॉउन्ड केंद्र, अवैध नर्सिंग होम्स चलते है लेकिन अपने ऑफिस मे सीसीटीवी कैमरो से लैस मुख्यचिकित्साधिकारी को कुछ भी दिखायी नही देता है।

यही कारण है कि साहब को यह भी पता नही होता है कि कौन अधिकारी या कर्मचारी आया है कि नही। मुख्यचिकित्साधिकारी के अधीन जिला चिकित्सालय कैंपस मे टीबी क्लिनिक नामक सेंटर चलता है। इस सेंटर पर एक बाबू विनोद सैनी भी कार्यरत है। इनकी तैनाती यहां लगभग 3 साल से है लेकिन इनको अन्य सहकर्मी हो या प्रभारी चिकित्सक किसी ने देखा ही नही है। पिछले जुलाई माह तक इनको वेतन भी मिलता रहा है। लगभग दो माह से प्रभारी चिकित्सक डॉ साकेत बिहारी ने कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका को चेक किया तो विनोद सैनी के आगे एलकेओ लिखा हुआ था। डॉ साकेत ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि इस सैनी बाबू को कोई देखा ही नही है। इस पर डॉ साकेत ने इसकी शिकायत करते हुए विनोद सैनी के वेतन अहरण पर मुख्यचिकित्साधिकारी से रोक लगवा दी है।




बलिया एक्सप्रेस ने इसकी पड़ताल के लिए जब विनोद सैनी के मोबाइल नंबर पर काल किया तो बताया गया कि वो लखनऊ है। जब उपस्थिति पंजिका पर एलकेओ (lko) लिखने के बावत सवाल किया गया तो बताया गया कि वो सरकारी काम से जब लखनऊ आते है तब यह लिखा जाता है। अब सवाल यह उठता है कि ऐसा मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया का कौन सा काम है, जिसके लिए एक बाबू को स्थायी तौर पर लखनऊ मे ही रख छोड़ा गया है।

योग सरकार मे भी बिना तैनाती स्थल पर रहे, वेतन मिलने का यह मामला दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग मे भ्रष्टाचार की जड़े काफ़ी अंदर तक गड़ी हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब विनोद सैनी लखनऊ मे है तो वह कौन कर्मचारी है जो सैनी के कालम मे lko लिख देता है। आस्तीन के इस सांप को भी पकड़ना बहुत जरुरी है। अब देखना है कि बिना काम किये ही लगातार तीन सालों से वेतन लेने वाले विनोद सैनी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग क्या कार्यवाही करता है?