फर्जी वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा व्यापारियों को जेल भेजनें से आक्रोश, व्यापारियों ने की डीएम से वन विभाग के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग
बलिया।। बीते दिनों बलिया के वन विभाग की तरफ से शहर के चौक बाजार में पंसारी की दुकान पर छापेमारी की गई। यह सम्पूर्ण छापेमारी दिल्ली के डब्ल्यूटीआई के एक वालेंटियर की निगरानी में की गई थी।आपको बता दें कि छापेमारी के दौरान वालेंटियर ने दुकान में घुसकर सामान को जप्त किया और बिना कुछ सील किए एवं बिना पंचनामा कराएं समान एवं दुकानदार को अपने साथ पुलिस व वन विभाग के सहयोग से ले गया।छापे के दौरान इस वालेंटियर की सुरक्षा के लिये पूरा पुलिस और जिला प्रशासन एवं वन विभाग लगा था। वालेंटियर ने 48 घंटो के बाद दुकानदार और सामान को कोर्ट में पेश किया। आरोप है की इन 48 घंटों मे वालेंटियर ने समान और दुकानदार को अपने पास रखा और सामानों मे फेर बदल की। आरोप यह भी लग रहा है कि इन 48 घंटों मे वालेंटियर ने दुकानदारों के परिजन से पैसों की डिमांड की है।
लेकिन तीन दिनों बाद शुक्रवार को खबर ही पलट गई और दिल्ली से आया डब्ल्यूटीआई का वालेंटियर ही फर्जी निकला। यह फर्जी ही नहीं अन्य राज्यों से अपराध करके पुलिस की कस्टडी से फरार हुआ अपराधी भी निकला। यह खबर आते ही जहां बलिया जिला प्रशासन व वन विभाग के हाथ पांव फूल गये, वही व्यापारियों द्वारा शहर की ओकडेनगंज पुलिस चौकी का घेराव कर दिया और वन विभाग के डीएफओ और अन्य अधिकारियों पर ही एफआईआर दर्ज करने की मांग और गिरफ्तार व्यापारियों की तत्काल रिहाई की मांग की। बड़ी कोशिश के बाद व्यापारी नेता शनिवार को जिलाधिकारी को पत्रक देने की मांग और गिरफ्तार व्यापारियों पर से मुकदमा वापसी के प्रयास पर राजी हुए।
शनिवार को व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर एक मांग पत्र सौपा जिसमे वन विभाग के अधिकारियों और दोनों ठगों पर एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तार व्यापारियों को बाइज्जत बारी किये जाने की मांग की गयी।
इस कांड के बाद बलिया के वन विभाग हो, प्रशासनिक अधिकारी हो या पुलिस के अधिकारी हो, इनकी क्षमता सवालों के घेरे मे आ गयी है। कोई भी नटवरलाल अधिकारी बन कर बलिया आता है और यहां के अधिकारी उसकी हकीकत पता करने की जहमत ही नही उठाते है और नटवर लाल की सेवा रिश्तेदार की तरह करते है। वन विभाग में इस ठग ने शिवम ठाकुर डब्लूटीआई वालेंटियर के रूप मे अपनी पहचान दर्ज करायी थी।
जब इस बात की सूचना बलिया मे पहुंची तो आग की तरह फैलने लगी और अधिकारियों में हड़कंप मच गया। वही व्यापार मंडल ने इस मामले को डीएम के समक्ष रखकर व्यापारियों की रिहाई एवं संलिप्त अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। अब सोचने वाली बात यह है कि एक अपराधी बलिया पहुंचता है और बलिया के सारे अधिकारियों को हाईजैक करके दुकानों पर छापेमारी करता है फिर वसूली करने के चक्कर में लगा रहता है उसके बाद समान में फेरबदल करके व्यापारियों को जेल भी भेजवा देता है और जब राज खुलने का अंदेशा होता है तो खुद लापता हो जाता है।