पैरा मेडिकल वर्कर शैलेश श्रीवास्तव जिसके लिए सीएमओ ने शासनादेश का भी किया उलंघन, आखिर क्यों है इतना प्रेम
मधुसूदन सिंह
बलिया।। मुरली छपरा सीएचसी पर तैनात कुष्ट विभाग के पैरा मेडिकल वर्कर शैलेश श्रीवास्तव पर पिछले सीएमओ से लेकर वर्तमान सीएमओ का इतना प्रेम छलक रहा है कि बलिया एक्सप्रेस को इस अदृश्य प्रेम को खबर के रूप मे छापना पड़ रहा है। दरअसल शैलेश श्रीवास्तव की पोस्टिंग मुरली छपरा सीएचसी पर कुष्ठ विभाग के पैरा मेडिकल वर्कर के रूप मे है। लेकिन श्रीवास्तव जी अपने जोड़तोड़ के कारण सम्बंद्धता को हथियार बनाकर बलिया मुख्यालय पर ही जमे रहे। इनकी सम्बद्धता मे भी खेल किया गया है। इनको अर्बन पीएचसी के अंतर्गत तैनात किया गया है लेकिन ये काम करते है झोलाछाप के नोडल अधिकारी के साथ और डीपीएम इनको वेतन शहरी स्वास्थ्य मिशन से दे रहे है। श्री श्रीवास्तव सीएमओ के अति प्रिय बाबू विनोद कुमार सैनी की तरह ही सीएमओ और डीपीएम के बड़े ही प्रिय है।
शासनादेश से प्रदेश मे सारे अटैचमेंट खत्म पर शैलेश का आज भी जारी
जिलाधिकारी बलिया को रमेश चौबे नामक व्यक्ति ने शैलेश श्रीवास्तव के खिलाफ जांच के लिए जिलाधिकारी को पत्र दिया है। इनको बिना हस्ताक्षर किये वेतन आहरण पर सवाल खड़ा किया है। बता दे कि तत्कालीन सीएमओ बलिया ने 15.3.2022 को एक आदेश जारी कर कार्य की अधिकता के कारण शहरी स्वास्थ्य मिशन मे कार्य करने हेतु अटैच किये गये है, जो आज तक जारी है। सूच्य हो कि स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के आदेश के बाद अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य )ने शासनादेश जारी करके सभी प्रकार की सम्बद्धता को समाप्त कर दिया। बावजूद इसके शैलेश श्रीवास्तव की सम्बद्धता को सीएमओ बलिया डॉ जयंत कुमार ने जारी रखी है। एक संविदा कर्मचारी के प्रति इतना प्रेम और शासनादेश का उलंघन सीएमओ को करना पड़ा है। सीएमओ की नजर मे शैलेश के आगे शासनादेश का लगता है कोई महत्व नही है।
सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के गृह ब्लॉक मे कुष्ठ विभाग का काम बाधित
जनपद मे कुष्ठ रोगियों की पहचान करना, उनकी सेहत की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों के सामने प्रस्तुत करने का काम करने के लिये विभाग ने पैरा मेडिकल स्टॉफ की जनपद भर मे ड्यूटी लगायी गयी है । शैलेश श्रीवास्तव भी पैरा मेडिकल स्टॉफ ही है। बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के गृह ब्लॉक मुरली छपरा पर इस तरह की दुर्व्यस्ता की कोई सोच भी नही सकता है। वीरेंद्र सिंह मस्त के क्षेत्र मे कुष्ठ रोगियों की पहचान कर इलाज कराने वाला पैरा मेडिकल वर्कर ही नही है तो जांच कौन करायेगा ।
क्या है पैरा मेडिकल वर्कर के दायित्व
कुष्ठ रोगियों को गांव गिराव मे खोजने और उनका समुचित इलाज करने के लिए सरकार ने पीएमडब्ल्यू की नियुक्ति की है। PMW को एक तरफ जहां कुष्ठ रोगियों की खोज करना है तो दूसरी तरफ उनकी हल्की फुलकी पट्टी बदलने से लेकर सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं को और दवाओं को ऐसे रोगियों को उपलब्ध कराना है। यही नही पीएम व सीएम आवास भी ऐसे रोगियों को दी जा रही है । इसको दिलवाने की भी जिम्मेदारी पीएमडब्ल्यू की है। दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा कि बलिया मे एक भी कुष्ठ रोगी को प्रधान मंत्री हो या सीएम आवास हो, कोई भी नही मिला गस्त