कवियों की वाणी से गूंजा अशोक चक्र विजेताओ का नाम
अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन ने अशोक चक्र काव्योत्सव से रचा नया इतिहास
गाजियाबाद।। अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन गाजियाबाद द्वारा आयोजित अशोक चक्र काव्योत्सव ने पुनः एक बड़ी लकीर खींच दी।हिन्दी साहित्य के इतिहास में यह पहला अवसर था जब अशोक चक्र विजेताओं पर देश विदेश के 201 रचनाकारों ने ऑनलाइन फेसबुक लाइव के माध्यम से अपने सृजित दोहों का काव्यपाठ किया।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय तथा महासचिव ओंकार त्रिपाठी के निर्देशन में सम्पन्न इस अनूठे आयोजन में देश के सभी अशोक चक्र विजेताओं पर देश विदेश के 201 कवियों की वाणी से उनकी त्याग साधना का वर्णन अपने काव्य पाठ किया गया।सबसे खास बात यह रही कि इस काव्य आयोजन में केवल दोहा छंद के माध्यम उनकी गौरव गाथा का गुणगान किया गया।
संस्था के कर्मठ पदाधिकारियों के हाथ में संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई। कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय भारतीय, संगठन मंत्री ब्रज माहिर, मंत्री रजनीश स्वछन्द ,महिला इकाई अध्यक्ष कुसुमलता कुसुम,महिला इकाई महामंत्री गार्गी कौशिक, अमेरिका इकाई अध्यक्ष डॉ श्वेता सिन्हा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह श्रेयस, महाराष्ट्र इकाई अध्यक्ष डॉ रोशनी किरण के सराहनीय सहयोग से कार्यक्रम को अपार सफलता मिली।
इस अवसर पर हरदोई से मीरा द्विवेदी वर्षा शचि ने दिए गए विषय अशोकचक्र विजेता शहीद मोहन नाथ गोस्वामी पर अपने दोहे पढ़ी तो तालियां गूंजने लगी।वहीं बदायूँ से अलकाकृति ने अशोक चक्र विजेता पुनीत नाथ दत्त पर अपने दोहे पढ़कर खूब वाह वाही लूटी।
अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन के इस आयोजन का भव्य शुभारम्भ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिला के संगीत विद्यालय श्याम संगीत संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष श्याम कुमार चंद्रा के निर्देशन में तबला पर बद्री प्रसाद गबेल, प्रियल चंद्रा , बाँसुरी पर दुखु सिंह सिदार सहयोगी रामेश्वरी साहू, सूर्या देवी चंद्रा, मंजीरा पर शंकर प्रसाद साहू, हारमोनियम स्वयं निर्देशक जी ने संभाला।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजीव पाण्डेय ने बताया कि 201 कवियों को आठ समूहों में बांटा गया जिनका काव्य पाठ संस्था के फेसबुक पेज और समूह पर कराया गया।इस कार्यक्रम में अमेरिका, जापान, यू के ई, इंडोनेशिया आदि देशों सहित भारत के लगभग सभी राज्यों से कवियों ने सहभगिता की।कार्यक्रम के समापन पर संस्था के महासचिव ओंकार त्रिपाठी ने सभी सहभागी दोहाकारों का आभार प्रकट किया।