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गोंड समाज के लोगों से बचने के लिये तहसीलदार ने घर मे बैठकर बाहर से लगवाया ताला, भेद खुलने पर बेआबरू होकर खुद ही खुलवाया ताला






अभयेश मिश्र 

बिल्थरारोड बलिया।। पहले वार्ता के लिये समय देना और फिर वार्ता से बचने के लिये तहसीलदार बेल्थरारोड का घर के अंदर बैठकर बाहर से ताला लगाकर वार्ता हेतु आये नेताओं को गुमराह करने की कोशिश उल्टी पड़ गयी। नेताओं को ज़ब यह ज्ञात हुआ तो इनके आवास पर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। नतीजन साहब को बाहर का ताला बेआबरू होकर खुलवाना पड़ा और नेताओं से वार्ता भी करनी पड़ी।

बता दे कि अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा द्वारा गोंड़ जाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाने में लेखपाल द्वारा आख्या खारिज करने पर पूर्व में  तहसीलदार को दिए गए शिकायती पत्र पर तहसीलदार द्वारा शुक्रवार को बुलाये जाने पर  तहसील में पहुँचे गोंड़ जाति के लोगो को देख तहसीलदार ओमप्रकाश पाण्डेय ने अपने आवास में बाहर से ताला लगवाकर अंदर बैठ गये । इसकी जानकारी होते ही अखिल भारतवर्षीय महासभा के लोगो मे आक्रोश भड़क गया और इन लोगों ने उनके आवास पर जमकर तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की ।








जानकारी के अनुसार गोंड़ समाज के लोग अनुसूचित जाति का जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सम्बंधित लेखपाल द्वारा बिना आधार के जाति प्रमाणपत्र का पत्रक खारिज कर देने पर बीते 26 दिसम्बर को तहसीलदार को शिकायती पत्र दिया था । जिस पर तहसीलदार द्वारा 30 दिसम्बर को  2 बजे वार्ता करने के लिए बुलाया गया था । इसी को लेकर शुक्रवार को दर्जनों की संख्या में अखिल भारतवर्षीय गोंड़ महासभा के लोग गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में पहुँचे।

इसकी जानकारी होते ही तहसीलदार ने अपने आवास के अंदर  जाकर एक व्यक्ति से बाहर से ताला लगवा दिया ताकि लोग समझें कि तहसीलदार साहब बाहर गये हुए है। इसकी जानकारी होने के बाद गोंड़ समाज के लोगो ने जमकर तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दिया। कुछ देर बाद तहसीलदार ने फोन करके ताला खुलाया और दो लोगो को बुलाकर आवास में वार्ता किया और पुनः अगली बैठक की तारीख 3 जनवरी को मुकर्रर किया। इसके बाद गोंड़ समाज के लोग घर चले गए।

 इस मौके पर अखिल भारतवर्षीय गोंड़ महासभा के अध्यक्ष श्रीकांत गोंड़, मृदंगी गोंड, बृजेश, मुलायम, चन्द्रशेखर, शशिभूषण, गुलाब, चन्द्रर्शील, सियाराम गोंड़, अमरजीत , राजेश गोंड़ आदि मौजूद रहे।