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भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक के पौत्र की ट्रेन हादसे मे दुःखद मौत, चहुओर फैली शोक की लहर



मधुसूदन सिंह

बलिया।। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जनक, राष्ट्रीय संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय के लिये जाते जाते 2022 ने ऐसे गहरा घांव दे दिया है, जिसको भुला पाना असंभव है। शनिवार की सुबह के लगभग साढ़े आठ बजे डॉ उपाध्याय के इकलौते पौत्र उत्कर्ष उपाध्याय कोचिंग जाते समय ट्रेन की चपेट मे आ गये, जिसके कारण घटना स्थल पर ही उत्कर्ष की हृदय विदारक मौत हो गयी।

घटना की सूचना मिलते ही परिजनों मे कोहराम मच गया। डॉ उपाध्याय, उत्कर्ष के पिता पवनेश पवन अन्य परिजनों के साथ पहुंच कर अपने कलेजे को टुकड़े को बेसुध पड़ा देख कर चित्कार करने लगे। परिजनों के करुण रुन्दन से आसपास के लोग भी अपने आंसू को रोक नहीं पाये।

डॉ उपाध्याय के पौत्र की असामायिक मौत की खबर से पूरे महासंघ परिवार मे शोक की लहर दौड़ गयी। देश के लगभग 14 प्रांतो से संगठन के जिम्मेदार लोगों के द्वारा मोबाइल पर शोक संवेदना व्यक्त करने के साथ ही ईश्वर से गातात्मा की शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना करने का क्रम अनवरत जारी है।

अपने इकलौते पौत्र का अंतिम संस्कार करने के बाद डॉ उपाध्याय ने एक बहुत ही मार्मिक सन्देश महासंघ के सभी ग्रुपों मे पोस्ट किया है। डॉ उपाध्याय ने लिखा है कि 

क्रूर काल की नियति का खेल वर्ष 2022 जाते जाते खेल गया और मेरे परिवार को दे गया एक असह्य  वेदना  का भारी  बोझ।आज सुबह सुबह मेरे अपने  कलेजे  का टुकड़ा  पूरे घर का चहेता मेरा  इकलौता पौत्र  चि ० उत्कर्ष उपाध्याय   ( पुत्र   पवनेश  कुमार  } हम सबको रोता विलखता छोड़ कर  अनंत यात्रा पर चला गया।

सहसा घटित इस अकल्पनीय असहनीय घटना ने  हम सब को ऐसी  पीड़ा  दे दी  कि वह अंतिम क्षण तक रुलाती रहेगी। उसके लिए जो स्वर्णिम सपने हम सबने पाल रखे थे , वे  आज डीहा गंगा घाट पर उसकी चिता में कपूर बन कर शून्य में विलीन हो गए।

    हे प्रभु मेरी सहनशक्ति बनाए रखिये , अब नहीं लिखा जाता

डॉ भगवान उपाध्याय