भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के वरिष्ठ पदाधिकारी राष्ट्रीय संयोजक के घर पहुंचे सांत्वना देने
पौत्र उत्कर्ष के आकस्मिक निधन से अभी भी सदमे में डूबा है पूरा परिवार
प्रयागराज।।भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय संयोजक के घर पहुँच कर इनके इकलौते पौत्र की आसामयिक मौत पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की व ढाढस बंधाया। बता दे कि राष्ट्रीय संयोजक डा० भगवान प्रसाद उपाध्याय के पौत्र चिरं० उत्कर्ष ( पुत्र पवनेश कुमार ) की आकस्मिक दुःखद मृत्यु गत 31 दिसम्बर 2022 शनिवार को रहस्यमय परिस्थितियों में हो गई थी ,जिससे पूरा परिवार अभी भी गहरे सदमे में डूबा हुआ है।
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनेश्वर मिश्र ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयशंकर त्रिपाठी ,राष्ट्रीय मुख्य महासचिव मथुरा प्रसाद धुरिया , राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिव शंकर पाण्डेय , उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रभा शंकर ओझा , मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह , कोषाध्यक्ष हौसला प्रसाद सिंह पटेल, मण्डल अध्यक्ष प्रयागराज अजय कुमार पाण्डेय , जिला संरक्षक गोपी कृष्ण पाण्डेय , अध्यक्ष प्रयागराज रमाकांत त्रिपाठी , उपाध्यक्ष मुनेश कुमार मिश्र , राजेश कुमार यादव , मुख्य महासचिव राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय , महासचिव कमलेश सिंह , संगठन सचिव प्रदीप सिंह , मीडिया प्रभारी डा० राम जी प्रजापति , जिला सचिव अमर जीत विन्द , गिरजा प्रसाद द्विवेदी , तहसील अध्यक्ष करछना शिवम मिश्रा , अध्यक्ष हंडिया रजनीश शुक्ल ,अध्यक्ष कोरांव जयशंकर भास्कर , तहसील कुण्डा के उपाध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी , कुण्डा के महासचिव रवींद्र दुबे , तहसील संरक्षक मेजा शिव जी मिश्र , रुद्र मणि द्विवेदी आदि सहित मिर्जापुर , भदोही , रीवाँ , बलिया जनपद की सिकंदरपुर और रसड़ा तहसील के साथ ही पत्रकार महासंघ के कई सम्मानित सदस्य और पदाधिकारियों ने अपनी संवेदना व्यक्त किया है।
रेल हादसे की जगह हत्या की परिजनों ने दी तहरीर
उत्कर्ष उपाध्याय की मृत्यु की गुथी उलझती जा रही है। घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय लोगों द्वारा ली गयी तस्वीरों के अब परिजनों तक पहुँचने से यह लग रहा है कि उत्कर्ष की मौत रेल हादसे की बजाय किसी साजिश के तहत की गयी हत्या है। यही कारण है कि उत्कर्ष के दादा डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने शुक्रवार को करछना थाने पर अज्ञात के खिलाफ हत्या करने की तहरीर दी है। बल्कि पुलिस कमिश्नर प्रयागराज से वरिष्ठ पत्रकारों संग शनिवार को मिलकर अपनी आशंका को पुनः दुहराया है।
कोई भी इसे रेल हादसा मानने को तैयार नहीं है और सभी ने एक स्वर से हत्या की आशंका जताई। पीड़ित पत्रकार परिवार ने जो घटनाक्रम बताया उससे किसी को भी सहसा विश्वास नहीं हो रहा है कि यह रेल दुर्घटना हो सकती है , क्योंकि बाद में जो भी चित्र और साक्ष्य प्राप्त हो रहे हैं , उसके आधार पर लोगों ने आशंका व्यक्त की है कि किसी गहरी साजिश के तहत उत्कर्ष की हत्या करके उसे रेल दुर्घटना का रूप देने का घिनौना प्रयास किया गया है।
पूरे देश भर में महासंघ की विभिन्न इकाइयों द्वारा शोक संवेदना व्यक्त करने का सिलसिला एक सप्ताह से लगातार जारी है। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा रेल दुर्घटना के अतिरिक्त अन्य बिंदुओं पर भी जांच करने की अपेक्षा की गई है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में पीड़ित परिवार द्वारा संबंधित उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है।