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पत्रकार परिवारों को आतंकित एवं भयभीत करने हेतु तांत्रिक क्रिया का सहारा, सहमा और सशंकित पूरा परिवार बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित





करछना  (प्रयागराज)।।करछना थानान्तर्गत  भड़ेवरा निवासी वरिष्ठ  पत्रकार मुनेश कुमार  मिश्रा के परिवार को आतंकित  और  भयभीत  करने के लिए उनके पड़ोसियों ने तंत्र मंत्र का प्रयोग करके परिजनों को सारी रात जागने पर विवश कर दिया। फलस्वरूप  पत्रकार का पूरा परिवार डरा  सहमा  और  सशंकित है।

         घटना के बारे में जानकारी मिली है कि वरिष्ठ पत्रकार  मुनेश कुमार मिश्र के परिजनों को तंत्र मंत्र करके भयभीत करने और उन्हें आतंकित करने का कुप्रयास किया गया  जिससे पूरा परिवार डरा   सहमा  और भयभीत  है। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की तहसील इकाई करछना के तहसील अध्यक्ष शिवम मिश्रा ने उक्त घटना की जानकारी देते हुए बताया कि  रविवार की  रात आटे  के पुतले  मंगलवार  की बीती रात उनके घर के सामने पड़ोसियों ने तंत्र मंत्र  की क्रिया करके कुछ अनिष्ट करने का प्रयास किया, जिससे पूरा परिवार भयभीत और आशंकित है। पत्रकार परिवारों में  बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बनी हुई है।परिजनों ने उस पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से हवाला देते हुए बताया कि  मंगलवार मध्य रात्रि से पहले कुछ लोगों ने घर के सामने तांत्रिक प्रयोग किया और परिजनों को जानकारी होने पर वे सामने खेत में छुप गए। काफी गुहार लगाने और हो हल्ला मचाने पर ग्रामीण एकत्र हो गये । बहुत देर तक खोज बीन के बाद जब  ग्रामीण तितर वितर हो गये तो आधी रात  से पहले  ही तांत्रिक प्रयोग करने वाले लापता हो गए ,जिससे पूरा परिवार सारी रात जागता रहा और भयभीत रहा।





    श्री मिश्र ने बताया कि तीन दिन पहले भी इस तरह का प्रयोग उनके घर के बगल किया गया था जिसमें आटे का दो पुतला बनाकर उसे रंग बिरंगा करके तंत्र प्रयोग की क्रिया की गई थी।इसकी जानकारी होने पर गांव में तरह-तरह की चर्चा व्याप्त है और अगल-बगल के ग्रामीण भी भयभीत हैं। लोगों ने बताया कि वर्तमान समय में पत्रकारों के परिजनों को इसी तरह भ्रमित और भयभीत करके अनहोनी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। 








उत्कर्ष हत्याकांड में गांव की तांत्रिक महिला की भूमिका संदिग्ध 

उल्लेखनीय है कि अभी विगत दिसंबर माह में वरिष्ठ पत्रकार और पवन प्रभात हिंदी दैनिक के संपादक पवनेश कुमार के पुत्र उत्कर्ष (19 वर्ष  ) की भी हत्या दिनदहाड़े कर दी गई थी और   उनके यहां भी उसी दिन सुबह भोर में किसी ने तांत्रिक क्रिया का प्रयोग किया था। उनके घर के मुख्य दरवाजे से लेकर  सामने बगीचे तक  सिंदूर , रोरी , लाल रंग और कुछ संदिग्ध वस्तुएं  विखेरी गईं थी। सुबह उठने पर परिजन भयभीत हुए थे और उस पर बहुत अधिक गंभीरता से ध्यान न देने के कारण सबका मतिभ्रम हो गया और उत्कर्ष की हत्या के बाद उस परिधि में जो लोग भी आए किसी की मानसिक  स्थिति संतुलित नहीं थी। बताया जा रहा है कि उनके यहां कई महीनों से कुछ लोग तंत्र मंत्र का प्रयोग करते रहे हैं और परिवार को आपस में लड़ाने के लिए गांव की एक तांत्रिक महिला का सहारा  लिया गया था।  उपरोक्त हत्याकांड में 1 महीने से अधिक बीत जाने पर भी अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है और जांच पड़ताल जारी है।अब नए प्रकरण को लेकर जहाँ पत्रकारों में चिंता और भय व्याप्त है वहीं लोगों में आक्रोश भी पनप रहा है कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है ?  ग्रामीणों ने इसकी वास्तविकता की जांच करने और दोषियों को दंडित करने की पुरजोर मांग की है।