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जमीन मालिकों के धोखे के कारण गरीबों के आशियानों पर अब चलेगा बुलडोजर, तीन दिन में खाली करने की मिली है नोटिस, आत्महत्या करने की दी चेतावनी



मधुसूदन सिंह

बलिया।। जमीन मालिकों के धोखे से एक दर्जन परिवारों के खून पसीने से बनाये गये आशियानों पर बुलडोजर चलने की तिथि नियत होने से गरीब परिवारों के होश उड़ गये है। इन परिवारों को जिला प्रशासन की तरफ से तीन दिन के अंदर मकानों को खाली करने की नोटिस थमा दी गयीं है। ये सभी मकान इस क्षेत्र से बनने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के अंदर पड़ रहे है।



बता दे कि इन लोगों ने अपना घर बनाने के लिये भू स्वामियों से किश्तों में रकम देकर आशियाने के लिये जमीन का टुकड़ा हासिल किया है। पैसे देने के इन लोगों के पास स्टाम्प पेपर पर भू स्वामियों के हस्ताक्षर वाले सबूत भी है। भू स्वामियों ने इन से पैसे तो ले लिये लेकिन इनके नाम से रजिस्ट्री नही की। इसी बीच यह क्षेत्र प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के रास्ते में आ गया। सरकार द्वारा इस एक्सप्रेसवे में पड़ने वाले सभी भू खंडो के स्वामियों से रजिस्ट्री कराकर उचित मुआवजा भी दिया गया है। भू स्वामियों ने इन गरीबों से तो पैसे लिये ही थे, अब सरकार से भी ले लिया है। अब ये गरीब न घर के रहे है, न घाट के है।












 गरीब परिवारों के खून-पसीने से बनाये गये आशियानों को  सरकार द्वारा जमीनों के अधिग्रहण करने के कारण अब तोड़ा जायेगा। लेकिन तोड़ने से पहले जो तस्वीरें सामने आई है वो हैरान कर देने वाली है। दरअसल मामला बलिया शहर के वार्ड नम्बर 11 का है जिसका एक बड़ा हिस्सा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में आ रहा है। जो हिस्सा एक्सप्रेसवे में आ रहा है वहां लगभग एक दर्जन परिवारों ने अपना पक्का मकान बनवाया है जिसे अब तोड़ने की न केवल बात सामने आई है बल्कि घर खाली करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।





 अब जरा इन तस्वीरों को देखिए ये परिवार उसी जमीन पर घर बना कर रह रहे है जिस हिस्से में एक्सप्रेवे बनना है। अचानक घर तोड़ने की नोटिस हाथ मे आया तो सबके पैरों से जमीन खिसक गयी । इन सबका कहना है कि इस जमीन की हमने कीमत उनको दी है जिसकी ये जमीन है। बताया हम गरीब है इस लिए एक स्टाम्प पेपर पर समझौते के मुताबिक जमीन के कीमत को कई किस्तों में दे दिये लेकिन जमीन के मालिक ने इसकी रजिस्ट्री हमारे नाम से नही की। अब जब ये जमीन एक्सप्रेवे में आ रहा है तो न ही हमारे पैसे वापस किये गए और न ही हमे कही और जमीन दिया जा रहा है। सीधा घर तोड़ने की चेतावनी दी जा रही। कहा अगर ऐसा हुआ तो हम घर नही खाली करेंगे। वही मोदी-योगी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि हम सभी को जमीन मालिक ने धोखा दिया। एक्सप्रेवे में अधिग्रहित जमीन की रकम भी सरकार से ले ली और हमसे भी जमीन की कीमत ले लिया। नतीजन हम कही के न रहे, हम आत्महत्या करने को मजबूर है। पीड़ित परिवारों ने सरकार मुआवजा और जमीन की मांग किया है।