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आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर उठाया सीएमओ के द्वारा गठित जांच टीम पर सवाल, बताया आयुर्वेदिक चिकित्सकों की इस टीम द्वारा की जा रही जांच को अवैधानिक



बलिया।। सीएमओ बलिया द्वारा अवैध रूप से संचालित प्राइवेट अस्पतालों की जांच के लिये गठित जांच टीम द्वारा आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सको द्वारा संचालित अस्पतालों को भी जांच पड़ताल करने से आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को डॉ अमरेश सिंह (आदर्श मेडिकेयर सेंटर, छितौनी रसड़ा बलिया ) ने जिलाधिकारी बलिया को एक पत्र देकर सीएमओ बलिया की टीम द्वारा आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सको के अस्पतालों की जांच को अवैधानिक बताया है।

डॉ सिंह ने अपने कथन के समर्थन में कई दस्तावेज भी पत्र के साथ संलग्न किया है। संलग्न दस्तावेजों में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग आयुष मंत्रालय भारत सरकार के पत्रांक -7-111/2020/Regh(Misc) दिनांक 18.1.2022 का हवाला दिया गया है। इसके प्रथम पृष्ठ के पैरा -5 पर अंकित " The medical council of india does not have any regulatory control over the practitioners of indian system of medicine and the same falls within the regulatory control of National commision for indian system of medicine Act 2020" से स्पष्ट है कि MCI का कोई भी नियम भारतीय चिकित्सा पद्धति से पंजीकृत चिकित्सकों और इनके द्वारा संचालित अस्पतालों पर न तो लागू हो सकता है, न ही MCI के द्वारा लागू नियमों के आधार पर जांच ही की जा सकती है।





डॉ सिंह ने इसके साथ ही क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी बलिया, बागपत और फिरोजाबाद के द्वारा संबंधित जनपदों के सीएमओ को भेजे गये पत्र को भी संलग्न किया है। इन पत्रों में उपरोक्त अधिकारियों ने सीएमओ द्वारा गठित जांच टीमों द्वारा आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों के अस्पतालों की जांच को अवैधानिक व बिना अधिकार का बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति के किसी चिकित्सक या अस्पताल की शिकायत आती है तो उस शिकायत को क्षेत्रीय आयुर्वेद व यूनानी अधिकारी को भेजे, ताकि उसकी जांच आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों की टीम द्वारा करायी जा सकें।

अब देखना है कि इस पत्र के मिलने के बाद चल रही जांच पड़ताल पर क्या असर पड़ता है। डॉ अमरेश सिंह ने इस पत्र की प्रतियों को सचिव भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग आयुष मंत्रालय नई दिल्ली, आयुष मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय प्रयागराज और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली को भी भेजा है।