फाइलेरिया रोगियों को प्रदान की गई एमएमडीपी किट
प्रशिक्षण के माध्यम से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक
बलिया।।जनपद में शुक्रवार को रसड़ा तहसील के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायभारती पर स्वास्थ्य विभाग ने कैम्प आयोजित कर 44 फाइलेरिया रोगियों को प्रशिक्षण दिया। इसके साथ ही फाइलेरिया प्रभावित अंगो की रुग्णता प्रबंधन के लिए एमएमडीपी किट प्रदान की गयी।
प्रशिक्षण में जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल, डीजल का छिड़काव करते रहें।
डीएमओ ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया और बताया कि इससे बचने के लिए एमडीए अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। गर्भवती व गंभीर रूप से बीमारी व्यक्ति को यह दवा नहीं खानी है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों के प्रभावित अंग को अच्छी तरह से साफ-सफाई कर रखना चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया के 4174 मरीज हैं। 4174 मरीजों में से 2232 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी है।इस अवसर पर मलेरिया निरीक्षक सुशील यादव, बी सी पी एम अशोक कुमार मौर्या आदि उपस्थित रहे।