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वाह रें, एसडीएम रसड़ा साहब : रात में पत्रकार के विरोधी कर रहे है निर्माण, आप सो रहे है बंद कर किवाड़



बलिया।। पत्रकारों के मामलों को चाहे जिला पुलिस हो या जिला प्रशासन कितनी संजीदगी से लेता है, इसका जीता जागता उदाहरण नगरा बाजार में देखना हो तो अभी रात में चले आइये। जहां पत्रकार विनोद सोनी की पैतृक जमीन पर कब्जा हो रहा है, लेकिन इसको रोकने वाला कोई नही है। पीड़ित पक्ष ने 112 को काम रोकने के लिये बुलाया तो मौके पर पहुंचे 112 के पुलिस कर्मियों ने यह कह कर काम रोकने से मना कर दिया कि काम करने के लिये थानेदार साहब ने कहा है। कब थानेदार साहब से बात की गयी तो उनका कहना है कि निर्माण करने का आदेश उप जिलाधिकारी रसड़ा ने टेलीफोन से दिया है। पीड़ित पत्रकार रसड़ा स्थित एसडीएम साहब के आवास पर भागा भागा पहुंचा तो साहब दरवाजा बंद करके सो रहे है, सरकार नंबर भी नही उठा रहे है। जबकि इस प्रकरण में जिलाधिकारी महोदय लगभग एक माह पहले एसडीएम से रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन वह रिपोर्ट आजतक भेजी नही गयी लेकिन निर्माण कराने का आदेश मौखिक रूप से जरूर दे दिया गया है।





ज़ब सही है तो रात में चोर की तरह निर्माण करने का क्या है औचित्य

अब सवाल यह उठता है कि ज़ब इस भू खंड पर दीवानी कोर्ट में वाद दायर हो चूका है, जिलाधिकारी महोदय ने रिपोर्ट तलब की है तो फिर रात को निर्माण चोरो की तरह करने का औचित्य क्या है। अगर निर्माण सही हो रहा है तो दिन की बजाय रात को क्यों हो रहा है? आखिर दिन में निर्माण कराने में क्या डर है?

असल में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियो की मिलीभगत दिन में निर्माण होने पर बड़े अधिकारियो तक पहुंच जाती, इस लिये बड़े अधिकारियों के संज्ञान में आने से पहले ही ये लोग पत्रकार की जमीन पर विरोधी का कब्जा करा देना चाहते है। अब देखना है कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक क्या रुख अख्तियार करते है।