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बोले पीएम मोदी : गीताप्रेस जीवंत आस्था का केंद्र, शिव महापुराण के विशिष्ट अंक का किया लोकार्पण, वन्दे भारत ट्रेन को किया रवाना





गोरखपुर।। हिन्दू धर्म ग्रंथों का दुनिया में सबसे बड़े प्रकाशन केन्द्र गीता प्रेस पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी ने श्री हरि से संबोधन शुरू किया। संस्कृत में श्लोक का पाठ करन पीएम ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास और विरासत का अद्भुत उदाहरण है इस बार का मेरा गोरखपुर दौरा। उन्होंने कहा, इस दौरान दो पुस्तकों के लोकार्पण का मौका मिला है। आज से रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम शुरू किया। जबसे सोशल मीडिया पर फोटो डाला है तो लोग हैरान हैं कि ऐसा रेलवे स्टेशन भी हो सकता है। उन्होंने कहा आज दो वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया जा जाएगा। वंदे भारत सहूलियत के लिए नई उड़ान है। पीएम मोदी ने कहा, पहले नेता लोग चिट्ठियां हाल्ट के लिए पत्र लिखते थे, आज नेता वंदे भारत चलाने की मांग कर रहे हैं। इस सारे आयोजन के लिए गोरखपुर और देश को बधाई देता है।



पीएम मोदी ने कहा, गीता प्रेस देश का इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है जो जीवंत आस्था है। इसका कार्यालय किसी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम में भी गीता है, काम में भी गीता है। जहां गीता है वहां साक्षात कृष्ण हैं। जहां कृष्ण हैं वहां ज्ञान है। वासुदेव सर्वम गीता का सूत्र वाक्य है। सब कुछ वासुदेव में ही है। पीएम मोदी ने आगे कहा, 1923 में गीता प्रेस द्वारा प्रज्वलित दीप पूरे दुनिया को रोशनी दे रहे हैं। इसके शताब्दी के साक्षी बन रहे हैं। शताब्दी वर्ष में हमारी सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार दिया गया है। गीता प्रेस और गांधी जी का भावनात्मक जुड़ाव था। गांधी जी कल्याण में लिखा करते थे। उन्होंने ही सुझाव दिया था कि कल्याण में विज्ञापन नहीं छापा जाए। गांधी शांति पुरस्कार देश की तरफ से गीता प्रेस के कर्म और विरासत का सम्मान है। गीता प्रेस द्वारा करोड़ों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। पुस्तकें लागत से कम मूल्य पर घर-घर पहुंचाई जाती है। करोड़ों लोगों को आध्यात्मिक तृप्ति दी है। इस यज्ञ में निष्काम भाव से लगे सभी लोगों के प्रति साधुवाद है।

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ज्ञान और विज्ञान को गीता प्रेस ने बढ़ाया आगे 

 गीता प्रेस भारत को जोड़ती है। गीताप्रेस की देश भर में 20 शाखाएं हैं।रेलवे स्टेशन पर गीता प्रेस के स्टॉल दिखते हैं। गीता प्रेस भारत के मूल चिंतन को दुनिया में पहुंचाती है। गीता प्रेस ने 100 वर्षों की यात्रा ऐसे समय पूरी की है, जब देश अमृत महोत्सव मना रहा है। पीएम मोदी ने कहा, भारत ने पुर्नजागरण के लिए प्रयास किया। 1947 में भारत गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा। गीता प्रेस इसका बड़ा आधार बनी। सैकड़ों साल पहले आक्रांताओं ने पुस्तकों को जलाया था। ज्ञान और विज्ञान को गीता प्रेस ने आगे बढ़ाया। 


उन्होंने कहा, कल्पना करिये गीता और रामायण के बिना समाज कैसे चला। भारत के अनादि यात्रा में हम और परिष्कृत होकर निकले हैं। कितने ही बार सत्य पर संकट के बादल गहरे हुए हैं। गीता से रास्ता मिला है। सत्य की सत्ता पर संकट में ईश्वर आगे आते हैं। गीता प्रेस मानवीय मूल्यों के लिए जन्म लिया। गीता प्रेस से नई पीढ़ियां जुड़ने लगीं। आप के उद्देश्य और मूल्य पवित्र होते हैं तो सफलता मिलती है। पीएम मोदी बोले-गीता प्रेस ने सामाजिक मूल्यों और धार्मिक मूल्यों को आगे बढ़ाया है। कल्याण के विशेषांक राष्ट्रसेवा के संकल्प से निकलते हैं। संतों का सकल्प शून्य नहीं होता है।

विकास और विरासत दोनों को लेकर चल रहा है देश 

आज भारत सफलता के नये आयाम प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा, आज देश विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है। मैंने लाल किले से कहा कि यह समय गुलामी की मानसिकता से छोड़कर विरासत पर गर्व करने का है। आज वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ आस्था के केन्द्र भी विकसित हो रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर का भव्य मंदिर का सपना साकार हो रहा है। हमनें धरोहरों को वह स्थाान दिया जो उन्हें मिलना चाहिए। नौसेना पर छत्रपति शिवाजी का निशान दिख रहा है। उन्होंने कहा, प्राचीन मूर्तियां चोरी कर विदेश में थी,वह मंदिरों में आ रही हैं। संतों, ऋषियों, मुनियों के आशीर्वाद से देश को विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाएंगे। 


आस्था और विरासत को मिली नई पहचान : सीएम योगी 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि नये भारत के निर्माता और भारत को वैश्विक पहचान दिलाने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी का गोरक्ष बाबा की धरा पर शासन और नागरिकों की तरफ से स्वागत करता हूं। पिछले 9 वर्षों में भारत की विकास यात्रा के साथ आस्था और विरासत को मिल रहे सम्मान को देखा है। भारत की गौरवशाली आस्था और विरासत को नई पहचान मिली है। योग भारत की अति प्रचानी विद्या रही है। योग को पहली बार वैश्विक मान्यता मिली। जब 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने का ऐलान हुआ। कुंभ सांस्कृतिक और गौरवशाली परम्परा का परिचायक है। इसे 2019 में पहचान मिली। केदारनाथ, काशी और महाकाल में विरासत को नया रूप मिला है। 500 साल बाद अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। गरीब कल्याण की योजनाएं 9 वर्षों में उतनी हुई जितनी आजादी के बाद नहीं हुई।







          गीता प्रेस 100 वर्ष की यात्रा

गीता प्रेस भारत की मूल आत्मा को परिलक्षित करता है। पहली बार पीएम इस परिसर में आए हैं। गांधी शांति पुरस्कार भारत की हर धरोहर का पुरस्कार है। 1923 में जय दयाल गोयनका ने किराये के घर में गीता प्रेस का शुरू किया था। इसे पीएम ने देखा है। 100 करोड़ पुस्तक के प्रशासन की तरफ गीता प्रेस बढ़ रहा है। हर भारतवाशी को यह गौरवान्वित करता है। 30 वर्षों से बंद खाद कारखाना 110 फीसदी क्षमता से चल रहा है। एम्स साकार हुआ है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल को स्वास्थ्य की सुरक्षा मिल रही है। रामगढ़ताल अपराधिक गतिविधियों का अड्डा था। इसका सुंदरीकरण हुआ है। आज 14 फ्लाइट गोरखपुर से चल रही है। अब बंदे भारत को हरी झंडी पीएम मोदी दिखाएंगे। महानायक का स्वागत हम सभी के लिए गर्व है। फिजी, अमेरिका, आस्ट्रेलिया से लेकर जापान तक भारत के लोगों का माथा पीएम ऊंचा कर रहे हैं। इसी लिए गीता में लिखा है कि श्रेष्ठ पुरूष का सभी अनुगामी होते हैं। देश के नागरिक पीएम के पीछे चलने को तैयार हैं। 


दिखायी गयी गीता प्रेस पर बनी डाक्यूमेंट्री 


गीता प्रेस की यात्रा को लेकर पीएम की मौजूदगी में डाक्यूमेंट्री दिखाई गई। जिसमें गीता प्रेस की 100 साल की यात्रा पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि किस प्रकार एक किराये के कमरे में शुरू गीता प्रेस 100 करोड़ पुस्तकें छापने की तरफ अग्रसर है। रामचरित मानस, हनुमान चालिसा, गीता, शिवपुराम समेत अन्य धर्म ग्रंथों की 93 करोड़ से अधिक पुरस्तकों का प्रकाशन गीता प्रेस में हो चुका है। गीता प्रेस के ग्रंथ प्रमाण के रूप में इस्तेमाल होता है। गीता प्रेस बिना विज्ञापन और अनुदान के सनातनियों को धार्मिक पुस्तकों को उपलब्ध करा रहा है।


मंत्रोचार से छात्रों ने किया स्वागत

ऋषि कुल विद्यालय चुरू के छात्रों द्वारा गीता प्रेस में पीएम मोदी का वैदिक मंत्रोचार से स्वागत किया गया। इसके बाद पीएम ने लीला चित्र मंदिर में विभिन्न कलाकारों के द्वारा बनाए गए चित्रों के माध्यम से देवदर्शन किया। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल, लाल मणि तिवारी भी मौजूद रहे। गीता प्रेस के पहले प्रेस को भी पीएम ने देखा। लालमणि तिवारी ने स्वागत करते हुए कहा कि कुछ स्थितियां अमिट छाप छोड़ जाती है। आज पीएम की मौजूदगी में ऐतिहासिक क्षण है। 


वैश्विक नायक का गीता प्रेस में स्वागत

इसके बाद ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने स्वागत भाषण में कहा कि आज का कार्यक्रम भगवान की कृपा से हो रहा है। आज जय दयाल गोयनका का स्मरण कर रहा है। शताब्दी समारोह में कल्याण के आदि संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार को याद करता हूं। गीता प्रेस परिवार की तरफ से वैश्विक नायक पीएम मोदी का स्वागत करता हूं। जिनकी उपस्थिति से गीता प्रेस गौरवान्वित कर रहा है। उनके नेतृत्व में देश इतनी ऊंचाई पर पहुंचा है, जिसके बाद दुनिया भारत की तरफ उम्मीदों की तरफ से देख रहा है। पूज्य योगी आदित्यनाथ और गोरक्षपीठ का हमेशा सानिध्य हमेशा मिलता रहता है। गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना सनातनियों के लिए बड़ा सम्मान है। ब्रह्मलीन जयदयाल गोयनका के दिखाए गए रास्ते पर 100 वर्षों का सफर पूरा करने के बाद गीता प्रेस नई तकनीक की सहायता से आगे बढ़ रहा है। 15 भाषाओं में गीता प्रेस में प्रकाशन होता है।1926 से प्रकाशित कल्याण का 97 वां वर्ष है। गीता प्रेस एप पर भी काम कर रहा है। 500 से अधिक पुस्तकें वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। 


पीएम को पहनाया उत्तरीय


गीता प्रेस परिवार की तरफ से उत्तरीय और पुष्पगुच्छ दिया गया। ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने पीएम को उत्तरीय पहनाया। 225 से अधिक आकर्षित चित्रों वाले शिवपुराण और नेपाली भाषा में शिवपुराण का विमोचन पीएम मोदी ने किया। इसके संपादक नेपाल के काशीनाथ न्यूपाने हैं। जो इस अवसर पर उपस्थित रहे।




शिव महापुराण के विशिष्ट अंक व नेपाली भाषा के संस्करण का किया विमोचन 

गोरखपुर के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिव महापुराण  के विशिष्ट अंक का शुक्रवार को गीता प्रेस  में विमोचन किया।इसके बाद उन्होंने नेपाली भाषा के शिव महापुराण का भी विमोचन किया। इससे पहले एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल  और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  उनकी अगवानी की।

पीएम मोदी  गीता प्रेस पहुंच कर लीलाचित्र मंदिर का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने पुराने प्रिटिंग मशीन को देखा। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया योग के रूप में भारत की तरफ देख रही है। गीता प्रेस अपने 100 साल के शानदार सफर को आगे बढ़ा रहा है। यहां 75 साल में कोई प्रधानमंत्री नहीं आया। पीएम मोदी की अध्यक्षता में गीता प्रेस  को गांधी शांति पुरस्कार  दिया गया।


उन्होंने कहा कि गोरखपुर बंद खाद कारखाना अब 110 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पाद कर रहा है। 2014 में गोरखपुर के पास एक फ्लाइट था, अब 14 से अधिक फ्लाइट उड़ान भर रही है। गोरखपुर में एम्स सपना था। वहीं रामगढ़ताल अपराधिक अड्डा बना गया था। अब यहां पूरे देश से लोग घूमने आ रहे हैं। वहीं वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल के लोगों के लिए उपहार है।





सीएम योगी ने की पीएम मोदी की तारीफ 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस में 100 वर्षों में अनेक उतार-चढ़ाव को देखते हुए करीब 100 करोड़ प्रकाशन करने की ओर अग्रसर है। यह भारतीयों को सम्मानित करता है। नए भारत की नई ट्रेन वंदे भारत भी आज गोरखपुर से शुरू हो रही है। दुनिया का दादा समझने वाले अमेरिका में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लोकप्रियता है।

एयरपोर्ट से गीता प्रेस तक सड़कों पर बजते रहे ढ़ोल नगाड़े, मोदी मोदी के लगे नारे 

यहां पहुंचने से पहले साढ़े नौ किमी के रास्ते में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गोरखपुर में जबरदस्त स्वागत हुआ है। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री का काफिला एयरपोर्ट से निकला तो पीएम मोदी की एक झलक पाने के लिए लोग अपने घरों की छतों पर आ गए।


लोगों ने वहीं से हाथ हिलाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया तो प्रधानमंत्री ने भी गाड़ी की रफ्तार धीमी कराकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। एयरपोर्ट से गीता प्रेस के साढ़े नौ किलोमीटर के रास्ते में 68 जगहों पर ढोल-नगाड़े और फूलों की बारिश से पीएम मोदी का स्वागत किया गया।







इस दूरी को तय करने में पीएम मोदी को 41 मिनट लग गए। पीएम मोदी ने जगह-जगह काफिले की गति कम कराकर लोगों को अभिवादन स्वीकार किया। पीएम का काफिला एयरपोर्ट से दोपहर 2:25 बजे निकला था। वह 3:06 बजे गीता प्रेस पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह स्वागत के लिए जुटे कार्यकर्ताओं का उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से नंदानगर, कूड़ाघाट, मोहद्दीपुर, गोलघर, रेती चौक होते हुए गीता प्रेस पहुंचे।


इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने नागरिकों के साथ मिलकर पीएम के स्वागत की जोरदार तैयारी की थी। बैरिकेडिंग के दोनों तरफ मौजूद लोगों ने प्रधानमंत्री के काफिले पर फूलों की बारिश की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। लोगों को देखकर उनकी गाड़ी की रफ्तार काफी धीमी हो गई थी।मोदी लोगों के पास तक पहुंच गए थे। उन्होंने अपनी गाड़ी में से ही हाथ हिलाकर सभी के प्रति आभार प्रकट किया। लोग प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर अभिभूत हो गए।


घरों की छतों पर परिवार सहित पीएम का इंतजार

पीएम मोदी की एक झलक पाने के लिए लोग सुबह से ही उनका इंतजार कर रहे थे। इस दौरान बहुत से लोग परिवार सहित अपने घरों की छतों पर मौजूद रहे। बच्चों-महिलाओं-बुजुर्गों और युवाओं सभी में प्रधानमंत्री को देखने और उनका स्वागत करने की एक जैसी ललक दिखाई पड़ी। प्रधानमंत्री ने भी सभी का अभिवादन स्वीकार करने की पूरी कोशिश की।



गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 मिनट मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने सी वन कोच में अंदर जाकर अंदर बच्चों से वार्ता की। इसके बाद वह लोको पायलट केबिन में जाकर लोको पायलट से वार्ता की।इसके बाद उन्होंने वंदे भारत में बच्चों से वार्ता की।