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प्राइवेट स्कूल शिक्षिका से बाइक सवार युवकों ने छिना मोबाइल, चौकी इंचार्ज ने कहा IMIE नंबर लेकर आओ तब होगा मुकदमा




बलिया।। एक तरफ सरकार महिलाओ के प्रति होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने का भरपूर प्रयास कर रही है, महिलाओ को कोई परेशानी न हो इसके लिये महिला हेल्पलाइन शुरू की है, या अन्य किसी भी संकट के समय 112 नंबर पर फोन कर सहायता देने की व्यवस्था कर रखी है। लेकिन अगर किसी युवती को संकट के समय उपरोक्त में से किसी भी सेवा से सहायता न मिले तो यह स्थानीय पुलिस प्रशासन की सबसे बड़ी नाकामी कही जायेगी। ऐसे ही एक पीड़ित युवती जो एक शिक्षिका है, के साथ घटित हुई है और शासन द्वारा संचालित किसी भी सेवा से घटना के बाद सहायता नही मिली है। यहां तक कि चौकी इंचार्ज ने यह कहते हुए तहरीर लेने से इंकार कर दिया क्योंकि उस समय लड़की के पास मोबाइल का IMIE नंबर नही था।

घटना बलिया जनपद के सुखपुरा थाना क्षेत्र के हनुमानगंज पुलिस चौकी के करनई का है। पीड़िता यहां स्थित DSET स्कूल में अभी तीन दिन पहले से ही पढ़ाना शुरू की थी कि मंगलवार को दिन के 14.22 बजे स्कूल से घर मिड्ढी बलिया के लिये ऑटो में बैठते ही सुपर स्पेंडर सवार युवकों द्वारा नाक पर प्रहार कर छीन लिया गया और फरार हो गये। युवती इसकी सूचना 112 पर देने की कोशिश की लेकिन फोन नही उठा। फिर महिला हेल्पलाइन पर फोन किया तो वहां से कहा गया कि थोड़ी देर बाद बात करो। हद तो तब हो गयी ज़ब चौकी इंचार्ज हनुमानगंज के पास लड़की ने पहुंच कर ज़ब घटना से संबंधित लिखित जानकारी देकर एफआईआर दर्ज कराने की बिनती की गयी तो साहब ने कहा पहले IMIE नंबर लेकर आओ तब मुकदमा दर्ज होगा। पीड़िता जो पहले से ही डरी सहमी थी, घर गयी और पुलिस के व्यवहार और उच्चको के कृत्य से इतनी डरी हुई थी कि दुबारा पुलिस के पास जाने के अपने भाई के माध्यम से ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने में ही भलाई समझी।





लापरवाह चौकी इंचार्ज पर क्या होंगी कार्यवाही

महिला हेल्पलाइन ने सहयोग नही किया, 112 नही लगा यह कोई नई बात नही है लेकिन चौकी इंचार्ज एक पीड़िता की फरियाद मात्र IMIE नंबर न होने के कारण नही सुनी, यह कृत्य तो अक्षम्य होना चाहिए। चौकी इंचार्ज की नजर में मात्र यह मोबाइल छीने जाने की घटना थी, जबकि यह सीधे सीधे दिन दहाड़े लूट की घटना है। चौकी इंचार्ज अगर थोड़ी भी तत्परता दिखाये होते तो इस घटना को अंजाम देने वालों की खोजबीन तुरंत शुरू कर दिये होते तो किसी न किसी सीसीटीवी में इनकी फुटेज मिल गयी होती। लेकिन साहब तो इंचार्ज है ऐसा क्यों सोचे? आप पीड़ित हो जो जो आपको लग रहा है लिख कर दीजिये, साहब उसी के अनुरूप कार्यवाही करेंगे। बता दे कि सुखपुरा से लेकर बहादुरपुर पुलिया तक मनचलो की सरगरमियाँ बढ़ी हुई है, लेकिन न तो थानाध्यक्ष महोदय, न ही चौकी इंचार्ज महोदय को इस पर रोक लगाने के लिये प्रयासरत देखा गया है। इस संबंध में चौकी इंचार्ज हनुमानगंज विश्वजीत सिंह से बातचीत की गयी तो उनका कहना था कि घटना स्थल मेरी चौकी क्षेत्र का नही है, यह थाना क्षेत्र की घटना है । वही यह भी कहा कि मै 164 का बयान कराने के लिये 4 बजे तक कोर्ट में था। चौकी पर किसी अन्य से पीड़िता मिली होंगी।



पीड़िता एक गरीब ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती है। अभी कुछ माह पहले ही विश्वनाथ मोबाइल से किश्तों पर लिया था और नौकरी शुरू करने के तीसरे ही दिन यह घटना हो गयी। अब तो पीड़िता इतनी भयभीत है कि वह स्कूल जाने में भी डर रही है। अब देखना है कि पुलिस अधीक्षक एस आनंद इस घटना पर क्या रुख अख्तियार करते है और जनपद पुलिस को ऐसी घटना दुबारा न हो, के लिये आदेशित करते है।