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14 अगस्त (शुक्रवार) 1942: थानो पर अधिकार करने की प्रतिज्ञा


14 अगस्त (शुक्रवार) 1942: थानो पर अधिकार करने की प्रतिज्ञा 


                                सांकेतिक फोटो 

 मधुसूदन सिंह 

बलिया।।13 अगस्त को बलिया शहर मे जानकी देवी द्वारा चूड़ी फेंककर जज को भगाने और परगना अधिकारी की कुर्सी पर कब्जा करके बैठने की खबर ने आंदोलनकारी छात्रों मे जोश भर दिया। इस घटना के बाद जिले में विद्यार्थियों का जुलूस छिट-फुट निकलता रहा । बाँसडीह में कुछ लड़को का एक जुलूस मण्डल कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पर गया जहाँ बाँसडीह थाने के नायब थानेदार दफ्तर की तलाशी ले रहे थे । लड़कों के मना करने पर भी नहीं माने और कुछ लोगों को थाने में लाकर मार-पीट कर बन्द कर दिया ।




14 अगस्त को ही बेल्थरा रोड में  इलाहबाद और  बनारस मे  पढ़ने वाले छात्रों से भरी हुई एक गाड़ी स्टेशन पर पहुंची। गाड़ी के इंजन पर तिरंगा झंडा फहरा रहा था। छात्रों ने बाहर निकलकर जनता से कहा कि सब लोग आजाद हो गए हैं सिर्फ आपका ही क्षेत्र बाकी है। छात्रों के भाषण से वहाँ का वातावरण गम्भीर हो गया और लोगों ने अपने क्षेत्र को भी आजाद करने की बातें करनी प्रारंभ कर दीं ।


जिले के पूर्वी छोर के बजरंग आश्रम बहुआरा में एक आम सभा हुई जिसमें लोगों ने यह शपथ ली कि कल 15 अगस्त को बैरिया थाने पर अधिकार करेंगे। बलिया शहर में भी जानकी देवी के नेतृत्व मे लड़कियों का जुलूस निकला, जिसमे सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाया गया ।


(साभार - बलिया : पौराणिक काल से 1947 तक )