Breaking News

नगर पालिका बलिया की लापरवाही से सरकारी राजस्व रूपये 681 लाख डूबने की कगार पर :सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण का काम ठप्प



मधुसूदन सिंह

बलिया।। सरकारी धन का अपव्यय सरकारी अधिकारियो व कर्मचारियों द्वारा कैसे किया जाता है, इसका उदाहरण नगर पालिका बलिया के द्वारा निर्माण कराये जा रहे सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को देख कर समझा जा सकता है। इस प्लांट को लगाने में कुल 681 लाख रूपये खर्च होने है। अब एनजीटी नई दिल्ली के 30 मई 2023 के आदेश के बाद वर्तमान समय में रोक लगा दी गयी है। यही नही नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी और ठेकेदार अविनाश सिंह के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र के क़ानून के तहत अभियोग भी पंजीकृत किया गया है।

बता दे कि एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह ने जय प्रकाश नारायण पक्षी अभ्यारण्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जन नायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय और कूड़ा निस्तारण संयत्र के खिलाफ एनजीटी नई दिल्ली में एक वाद दाखिल करके इन दोनों निर्माण कार्यों को एनजीटी के नियमों के खिलाफ बताते हुए वन्य जीवों के लिये खतरनाक कहते हुए इन दोनों जगहों के निर्माण को रोकने का अनुरोध किया है।




जिलाधिकारी बलिया रविन्द्र कुमार द्वारा एनजीटी नई दिल्ली को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार अधिशाषी अधिकारी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति के ही निर्माण कार्य शुरु कराया गया। ऐसे में जिला प्रशासन ने कूड़ा निस्तारण संयत्र की हो रही स्थापना / निर्माण कार्य को माननीय एनजीटी के 30 मई के आदेश के क्रम में रोक दिया गया है।





अब ज़ब लिखित रूप से जिलाधिकारी बलिया ने सत्य को उजागर कर दिया है, तो यह साबित हो रहा है कि नगर पालिका के जिम्मेदारों को एनजीटी के आदेश का कोई भय नही है। तभी तो बिना एनजीटी के अनुमति पत्र के निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर कराया जा रहा था। अब ज़ब इसके निर्माण कार्य पर रोक लग गयी है तो सरकारी धन रूपये 681 लाख का डूबना तय है।