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दुबहड़ :फर्जी तरीके से उपकेंद्र के लिये किराया निकालने में फंसे एमओआईसी, बीपीएम, बीसीपीएम, 4 सदस्यों वाली जांच टीम के सवालों ने उड़ाई तीनों की नींद






लक्की कुमार 

दुबहड़ बलिया।। सरकार प्रदेश के सभी निवासियों के लिये निःशुल्क इलाज व दवाओं को उपलब्ध कराने के लिये एक तरफ जहां संकल्पित है, वही ग्रामीणों को गांव में ही तत्काल इलाज की व्यवस्था दिलाने हेतु उप केंद्र खोले हुए है। लेकिन धरती के भगवान के चोले में राक्षस व भेड़िये के रूप में कुछ ऐसे चिकित्सक भी है, जिनको सिर्फ और सिर्फ किसी भी सूरत में पैसा चाहिए। ग्रामीण इलाकों में एक कहावत कही जाती है कि वर मरे या कन्या दक्षिणा चाहिए। यही हाल दुबहड़ सीएचसी का है। यहां के एमओआईसी हो , बीपीएम हो , या बीसीपीएम सभी के मुंह में भ्रष्टाचार का खून इस कदर लग गया है कि बिना उपकेंद्र चलाये ही 51 हजार रूपये की दर से लगभग 25 से 29 उपकेंद्रों का किराया दूसरों के खातों में भेजकर हड़प लिये है। अब ज़ब इसकी शिकायत एक आशा संगिनी रानी पटेल से सीएमओ से लगायत डीएम, सीएम, पीएम तक की तो सीएमओ डॉ जयंत कुमार ने 4 सदस्यों वाली जांच टीम (डॉ अभिषेक मिश्र डीएसओ, डॉ आर बी यादव डीपीएम, श्री विनोद जिला लेखा प्रबंधक और योगेश पाण्डेय, जिला प्रशासनिक अधिकारी)को दुबहड़ भेज कर जांच करायी है। टीम के पहुंचते ही हड़कंप मच गया है।

कैसे हुआ है 12 लाख से अधिक रूपये का घोटाला

शिकायतकर्ती आशा संगिनी रानी पटेल ने अपने शिकायती पत्र में भ्रष्टाचार की पूरी पोल खोल दी है। रानी पटेल के अनुसार लगभग डेढ़ साल पहले मुझ समेत 6 आशा संगिनियों के मोबाइल पर एमओआइसी डॉ शैलेश कुमार ने फोन करके कहा कि आप लोगों के घरों पर डीसीएम से उपकेंद्र के लिये साजोसामान जा रहा है, इसको अपने घर पर उतार लीजिये। उपकेंद्र खोलने के लिये आप लोगों को 3 हजार रूपये मासिक किराया मिलेगा। इसके लिये डॉ शैलेश ने हम लोगों के बच्चों या पतियों के खाता नंबर लिया गया। कहा कि इन लोगों ने हम 6 लोगों के आलावा कुल 22 से 29 आशाओ व संगिनियों के बच्चों और पतियों के खाता नंबर दबाव डालकर ले लिये। अब नोटरी किरायेनामा पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करने का दबाव डाल रहे है।




31 मार्च 2023 को सभी खातों में पहले 33 हजार और फिर 18 हजार भेजकर सभी खाता धारको से 1 हजार छोड़कर 50-50 हजार वापस ले लिये गये। ज़ब आशाओ व संगिनियों ने इसका विरोध करना शुरू किया तो उनके मानदेय रोक दिये गये, अपशब्द कहे गये और जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में प्रस्ताव भेजकर निकालने की धमकी देने लगे। ज़ब रानी पटेल ने सीएमओ से लगायत पीएम तक शिकायती पत्र भेज दिया तो उसको अस्पताल के व्हाट्सअप ग्रुप से ही बाहर कर दिया गया।





 उपकेंद्र के लिये भेजे गये लाखों के साजोसामान को ढूढ़ रही है जांच टीम

मात्र 6 आशा संगिनियों के घर पर ही उपकेंद्र के लिये भेजे गये सामान रखे होने के बाद जांच टीम अब शेष उपकेंद्रों के साजोसामान को ढूंढ़ रही है जिनके नाम पर किराये का भुगतान हुआ है। इन सामानों में टेबल मेज पंखे केतली आदि लगभग 36 आइटम है। जांच टीम अब बलिया मुख्यालय स्थिति केंद्रीय भंडार के कागजों को खंगाल कर घोटाले बाजों को सबक सिखाने के लिये कमर कस ली है।









इन आशाओं व संगिनियों के रोके गये है रंजिशन मानदेय

डॉ शैलेश कुमार, बीपीएम शशि सिंह और बीसीपीएम रेनू भारती ने भ्रष्टाचार की आवाज बुलंद करने वाली इन आशाओं / संगिनियों के मानदेय पर लगा रखी है रोक ----

अनीता वर्मा  आशा -जून से नवंबर 2022 तक कुल 6 माह का 2200 रूपये प्रतिमाह की दर से

इंद्रावती आशा - जुलाई व अगस्त 2023 का

किरन वर्मा आशा - जून 2023 से आजतक

रानी पटेल संगिनी - अगस्त 2023 से

शिवकुमारी आशा  और चंपा देवी आशा का रोका गया है भुगतान

प्रमिला सिंह आशा - जुलाई 2023 से आजतक