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मीरा चरित्र का सजीव मंचन देख दर्शकों की आंखे हुई नम, जयकारे से गूंज उठा पांडाल







संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।। क्षेत्र के नरही स्थित नरहेजी माता मन्दिर चल रहे पंद्रह दिवसीय श्री लक्ष्मी नृसिंह ज्ञान महायज्ञ के दौरान वृन्दावन से आए रासलीला कलाकारों ने सातवें दिन शुक्रवार को रात्रि में श्रीकृष्ण भक्त मीराबाई के चरित्र का मनमोहक मंचन किया। जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

             कलाकारों ने लीला मंचन में दिखाया कि जोधपुर राजस्थान के रतन सिंह राठौड़ की इकलौती संतान मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थी। बचपन से ही मीराबाई संतों के सानिध्य में रहकर श्रीकृष्ण की परम भक्त बन गई। मीराबाई का विवाह उदयपुर के महाराणा सांगा के पुत्र भोजराज के साथ हुआ था। वह विदाई के समय अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति लेकर ससुराल गई थी। घर का सारा काम निपटाने के बाद मीरा पास के ही श्रीकृष्ण मंदिर में प्रतिदिन जाती और गिरधर की भक्ति में लीन होकर नृत्य करती हुई गीत गाती थी।जो कि ससुराल वालों को अपमानजनक लगता था।





इस पर ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पिटारे में जहरीला सर्प भेजा गया लेकिन उसने मीरा को नहीं डसा। यही नहीं पति भोजराज द्वारा उसे पीने के लिए जहर दिया गया लेकिन वह विष मीरा के लिए अमृत बन जाता है। जिसपर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा होती है शत्रु उसका अनिष्ट नहीं कर पाता है। लीला देखकर उपस्थित दर्शकों की आंखे नम हो गईं। पूरा पांडाल हर हर महादेव, नरहेजी माता की जय व राधे राधे के उद्घोष से गूंज उठा। डा विजय नारायण सिंह, राजेश सिंह, प्रदीप मिश्रा, सुनील राय, पं अच्युतानंद चौबे, अर्जुन गोपालन, राहुल सिंह बघेल, आदित्य नारायण, आनन्द विजय आदि मौजूद रहे।