रासलीला : बकासुर अघासुर बध के सजीव लीला मंचन ने दर्शकों का मन मोहा, जय श्री कृष्ण राधे राधे से गूंजता रहा पंडाल
संतोष कुमार द्विवेदी
नगरा, बलिया।।क्षेत्र के ग्राम पंचायत नरही में चल रहे पंद्रह दिवसीय श्री लक्ष्मी नृसिंह ज्ञान महायज्ञ के दौरान वृंदावन से आए रासलीला कलाकारों ने गुरूवार की रात वकासुर व अघासूर का मंचन सजीव मंचन किया। लीला मंचन देखकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे। जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी के उद्घोष से पुरा पंडाल गूंज उठा।
रासलीला मंचन मेंवृंदावन से आए कलाकारों ने दिखाया कि कृष्ण द्वारा पूतना, तृणावर्त व वत्सासुर का वध किए जाने से चिंतित कंस बकासुर को कृष्ण को मारने के लिए भेजता है। बकासुर एक विकराल वगुले का रूप धारण कर गोकुल पहुंचता है। विकराल वगुले को देखकर कृष्ण उसे पहचान लेते हैं और उसके समीप चले है तब बकासुर कृष्ण को निगल जाता है। पेट में पहुंचकर कृष्ण जलन पैदा करते हैं जिससे परेशान होकर बकासुर कृष्ण को उगल देता है तथा चोंच से मारने का प्रयास करता है। तब कृष्ण उसकी चोंच को पकड़ कर गर्दन मरोड़कर उसका वध कर देते हैं। बकासुर के वध के कंस कृष्ण को मारने के लिए मायावी राक्षस अघासुर को भेजता है।
अघासुर विशालकाय अजगर का रूप बनाकर जहां कृष्ण ग्वालो के साथ खेलते हैं वहां पहुंच जाता है और अपना मुंह खोलकर गुफा के समान बना लेता है। कृष्ण के साथी मुंह खोले अघासुर के पेट में घुस जाते है और कृष्ण को भी बुला लेते हैं। कृष्ण के पेट में जाते ही अघासुर मुंह बन्द कर लेता है। तब सभी ग्वालबाल कृष्ण से बचाने की गुहार लगाते हुए मूर्छित हो जाते है। इसके बाद कृष्ण अपना शरीर इतना विशाल कर लेते हैं कि अघासुर का पेट फट जाता है। इस तरह कृष्ण अघासुर का वध कर सभी ग्वालो को बचा लेते हैं।
बकासुर और अघासुर वध से भाव विभोर हुए दर्शक जय श्रीकृष्ण व राधे राधे का उद्घोष करते रहें। यज्ञ में पुण्य लाभ लेने तथा लीला दर्शन हेतु नरही के अलावा आसपास के गावो के श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुट रही है। इससे पूर्व सुबह व शाम विद्वान आचार्यों द्वारा यज्ञमंडप में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन किया। इस दौरान आयोजक डा विजय नारायन सिंह, अर्जुन गोपालन, प्रदीप मिश्रा, राजेश सिंह, आदित्यनाराय, आनंद विजय, राहुल सिंह बघेल आदि मौजूद रहे।