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दुबहड़ सीएचसी घोटाला : बिना आरोपी अधिकारियों के हटाये निष्पक्ष जांच पर उठने लगे सवाल




मधुसूदन सिंह

बलिया।। भ्रष्टाचार पर वार, योगी सरकार के ध्येय वाक्य का बलिया के स्वास्थ्य विभाग में जमकर माखौल उड़ाया जा रहा है। जिस एमओआईसी, बीपीएम और बीसीपीएम पर फर्जी उपकेंद्रों के नाम पर लाखों रूपये किराया आहरित करने का आरोप लगा है, वे आज भी अपने अपने पदों पर तैनात है। जबकि इनको हटाने के परवाने को जिस अधिकारी ने टाइप कराया था, उनको ही हटाने का परवाना मिल गया। अब लोगों के बीच आम चर्चा है कि आरोपी अधिकारी योगी सरकार में भी इतने ताकतवर है कि अपने खिलाफ शुरू हुई जांच को भी ठंडे बस्ते में डलवा देंगे।

बता दे कि दुबहड़ सीएचसी पर पिछले वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन लगभग दो दर्जन से ज्यादे उप केंद्रों के किराये के नाम पर प्रति उप केंद्र 51 हजार की दर से 17 माह का किराया आहरित किया गया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह किराया किसी ashav/ संगिनी के पति या पुत्र के खाते के द्वारा निकाला गया है। सीएमओ डीएम सीएम से लगायत पीएम तक लिखित शिकायत करने वाली आशा संगिनी के अनुसार खाते में पैसा आते ही एमओआईसी, बीपीएम और बीसीपीएम ने दबाव डालकर 50 हजार निकलवा कर ले लिया गया।





निवर्तमान सीएमओ डॉ जयंत कुमार ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित ही नही की बल्कि टीम से जांच भी करवा लिया। जांच हो जाने के बाद सीएमओ के सख्त तेवरों को देखते हुए आरोपियों ने अपने राजनैतिक रसूख का प्रयोग करते हुए सीएमओ को ही हटवा दिया। सीएमओ के बदलने के बाद कार्यवाही पर संशय जरूर उठ खड़ा हुआ है लेकिन घोटाला करने वाले पुख्ता साक्ष्य के रहते बच जायेंगे, ऐसा दिख नही रहा है। सूत्रों की माने तो छुट्टी से वापस कार्यभार ग्रहण करते ही नवागत सीएमओ सबसे पहले तीनों आरोपियों को तत्काल प्रभाव से हटाएंगे, क्योंकि बिना हटाये ये लोग साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकते है।