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विशिष्ट बी.टी.सी.शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन बलिया द्वारा चलाया गया पोस्ट कार्ड भेजो अभियान, पीएम व सीएम को पुरानी पेंशन के लिये भेजा पोस्ट कार्ड



बलिया।। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर विशिष्ट बी.टी.सी.शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन बलिया द्वारा जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे के नेतृत्व में सैकड़ो शिक्षकों ने टाउनहाल (बापूभवन)स्थित डाकघर पर उपस्थित होकर पुरानी पेंशन बहाली व केन्द्र के समान मेमोरेंडम जारी करने हेतु प्रधानमंत्री व मुख्य मंत्री को पोस्टकार्ड लिखा।

पोस्टकार्ड अभियान का शुभारम्भ करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे ने कहा कि आज के बाद यह अभियान सभी ब्लॉकों में विभिन्न तिथियों पर संचालित होगा और ब्लॉक कार्यकारणी द्वारा अभियान चलाकर प्रत्येक शिक्षक/कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली अभियान से जोड़ा जाएगा।उक्त अवसर पर शिक्षकों ने चेताया कि यदि शीघ्र पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो शिक्षक व कर्मचारी एकजूट हो कर आगामी लोकसभा चुनाव में वोट की चोट कर सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए विवश होंगे।

उक्त अवसर पर जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे ने कहा कि आर. बी.आई. के आंकड़ों के मुताबिक बैंकों ने कारपोरेट घरानों के लगभग लाखो करोडों रुपये से अधिक की धनराशि बट्टे खाते में डाल दी जिस में से सिर्फ 19 प्रतिशत की ही वसूली हो पाई वहीं नहीं सरकार द्वारा बड़े उद्योगपति घरानों के मोटे कर्जों को माफ किया गया लेकिन शिक्षक और कर्मचारी पेंशन की मांग करता है तो वित्तीय भार की दुहाई दी जाती है।यह प्रश्न पैदा होता है कि जिन्हों ने 20 से 35 वर्ष तक राष्ट्र के लिए कार्य किया,उन्हें रिटायरमेंट के बाद बुढ़ापे में बाजार के भरोसे छोड़ देना कहाँ तक उचित है।

डॉ. चौबे ने कहा कि यह देश उन बुजुर्गों का भी है,जिन्हों ने देश के विकास के लिए अपनी जवानी लगा दी।यदि नई पेंशन स्कीम को सरकार सही मानती है,तो इसे सांसदों,विधायकों व मंत्री जी लोगों पर भी लागू करना चाहिए।एक देश,एक संविधान तो फिर पेंशन पर दो विधान क्यों?

वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवनीश सिंह नें कहा कि इसे नकारा नहीं जा सकता कि पेंशन को लेकर शिक्षक,कर्मचारियों में असंतोष का विस्तार हुआ है और सरकार को अपने सोंचने का ढंग बदलना होगा।द ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओइसीडी) के रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के कई देश अपने जी.डी. पी.का 15 से 40 प्रतिशत खर्च कर रहे हैं वहीं हमारा देश महज 3(तीन)प्रतिशत खर्च करता है फिर भी हमारी सरकार वित्तीय बोझ का रोना रो रही है।

संरक्षक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि पेंशन जैसे विषय को तर्क और तथ्य की कसौटी पर कसने की जरूरत है।अगर सरकार को वित्तीय बोझ की ही चिंता है तो फिर सांसदों,विधायकों के लिए भी वन नेशन,वन पेंशन की बात क्यों नहीं हो रही है ?अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए खपाने वाले शिक्षक कर्मचारियों का 10 प्रतिशत वेतन कटौती के बाद भी उसका बुढापा असुरक्षित है।

कोषाध्यक्ष नित्यानन्द पांडेय ने कहा कि अपने देश के 85 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं जो स्वतः पुरानी पेंशन लेते हैं और एन. पी.एस. को अच्छा बताने में लगे हैं।श्री पाण्डेय ने कहा कि यदि सरकार इस दौरान सभी शिक्षक,कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है,तो द्वितीय चरण नवम्बर में प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर अनशन व हड़ताल की जाएगी साथ ही अबकी बार हम सब सपरिवार मिलकर इस सरकार को वोट की चोट देकर इसे सत्ता से हटाने का काम करेंगे।





इस अवसर पर-डॉ. आशुतोष शुक्ला,राघवेन्द्र प्रताप राही, आशीष श्रीवास्तव,परशुराम यादव,जितेन्द्र वर्मा,अनिल सिंह,संजय वर्मा,अवधेश सिंह,उपेन्द्र नरायण सिंह,अजीत यादव,सुरेश वर्मा,अरविन्द श्रीरश्मि,कमलेश यादव,जनार्दन दुबे,रमेश सिंह,अशोक कुमार वर्मा,रामबहादुर यादव,सूर्यप्रकाश वर्मा,मनीष मिश्रा, अतुल तिवारी,वेद पाण्डेय, अमित शर्मा,राजेन्द्र तिवारी,मृत्युंजय शर्मा,निर्भय नरायण सिंह,नवीन दुबे,सुनील यादव,अजीत पाठक,बालेश्वर वर्मा,ओमप्रकाश यादव,हरिहर नृरायन यादव,राजेश यादव,संदीप कुमार सिंह,अजीत पाठक,एममुद्दुन,अजय चौबे,दुर्गेश कुमार,सुनील सिंह,सुनील कुमारअभय कुमार,प्रदीप पांडेय,जीवेश सिंह,उपेन्द्र ठाकुर,दीपक सिंह,ओमप्रकाश सिंह,सुनील गुप्ता,ओमकारनाथ पांडेय,संजीव सिंह,राजेश सिंह,जितेंद्र कुमार,सतेंद्र शाह,संजय सिंह,अरशद अंसारी,राहुल कुमार पांडेय,अरुण कुमार मिश्र,राकेश सिंह,विनय चतुर्वेदी,बृजेन्द्र कुमार,ओमप्रकाश यादव,अंशुल कुमार,उपेन्द्र यादव,अजीत कुमार,दिनेश कुमार,रजत मधेशिया,अभय राठौर,रजनीश प्रताप सिंह,अवनीश सिंह,अरविंद सिंह,राजीवरंजन,विनोद दुबे,अतहर इर्शाद,खुर्शीद आलम,शैलेन्द्र प्रसाद,बृजेन्द्र कुमार,भानु मिश्र,अजय गुप्ता,पवन शर्मा,अशोक कुमार वर्मा ,रामबहादुर यादव,विश्वदीपक उपाध्याय,हरेराम गिरी,पंकज सिंह,अखिलेश सिंह,पंकज मिश्रा, असरफ अली,डॉ. शातिष वर्मा,विजय कुमार,रमाकांत,मृत्युंजय तिवारी,योगेंद्र वर्मा,दिनेश मिश्र,संजय पांडे,विनय सिंह,शातिश जी,धनंजय सिंह,प्रभात,अजय गुप्ता,राकेश कुमार,रजनीश श्रीवास्तव,विजय निगम,प्रभात जी,शत्रुघ्न जी,मनीष सिंह,नंद जी,अजीत राम,इंद्रजीत यादव,अनिल कुमार,कृपा शंकर चौहान,श्याम जी,मु.जाहिद,शुशील कुमार गुप्ता,अजय आनन्द, अरविन्द तिवारी,संदीप तिवारी,छट्ठू राम,मीरा सिंह,शिव कुमार वर्मा,भारत राम,राजकुमार यादव,सहित सैकड़ों शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।