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पानी ठहरेगा तो मच्छर पनपेगा, करें बचाव - रहें सतर्क : सीएमओ बलिया




जनपद में फॉगिंग और एंटी लार्वा के छिड़काव का कार्य तेज 

सभी प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया व डेंगू की जाँच उपलब्ध

 घर के आस-पास रखें साफ-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग 

बलिया।।बारिश में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ जाता है। इसके कारण कई वेक्टर जनित बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचने के लिए जागरूकता एवं सतर्कता ही एक बेहतर उपाय है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ० विजय पति द्विवेदी का। 

सीएमओ ने कहा कि डेंगू पर प्रभावी रोकथाम व नियंत्रण के लिए अंतर्विभागीय समन्वय व सहयोग से डेंगू निरोधात्मक गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर पानी ठहरेगा या जल जमाव की स्थिति पैदा होगी, वहाँ मच्छरों का लार्वा पनपेगा। इससे मच्छर बढ़ेंगे और बीमारियाँ भी बढ़ेंगी। इसलिए इन बीमारियों से बचाव के लिए सभी को सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है। 

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर जनपद में मलेरिया, डेंगू व मच्छर जनित अन्य बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरूकता का कार्य शुरू किया है। इसके माध्यम से ही खुद व अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सकता है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति  के सदस्य जन-समुदाय में जन-जागरूकता का कार्य कर रहे हैं। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर -घर जाकर जन-जागरूकता के माध्यम से बदलते मौसम और मच्छरों से बचाव और साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी जा रही है। शहरी क्षेत्र के लिए गठित की गयी नगरपालिका की टीम वार्ड और मोहल्लों में जाकर जन-जागरूकता के साथ ही फॉगिंग और एंटी लार्वा के छिड़काव का कार्य कर रही हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों को फैलने से रोका जा सके।





उन्होंने बताया कि वेक्टर जनित अधिकतर बीमारियाँ मच्छरों के काटने से फैलती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए घर व आस-पास साफ-सफाई रखें तथा जल का भराव न होने दें। झाड़ियों और नालियों को साफ सुथरा रखें, आसपास रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल आयल या मिट्टी का तेल डालकर लार्वा को नष्ट करें, घर के दरवाजे और खिड़की पर मच्छर रोधक जाली लगायें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।  पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। कूलर,फ्रिज आदि को साप्ताहिक रूप से साफ करें। छत पर निष्प्रयोज्य बर्तन, पाइप टायर, नारियल के खोल आदि न डालें। गमलों और फूलदानों को भी साफ रखें।

डेंगू, मलेरिया और बुखार में अंतर समझना जरूरी - उन्होंने बताया कि आम लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि उन्हें मलेरिया हुआ है या डेंगू या सामान्य बुखार है। मलेरिया का बुखार ठंड देकर आता है तो डेंगू में लगातार बुखार के साथ हड्डियों-जोड़ों में दर्द रहता है। इस तरह के कोई भी लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लेकर मलेरिया और डेंगू की जाँच करानी चाहिए।जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया व डेंगू के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर जिला अस्पताल में 10 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच-पांच बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो-दो बेड आरक्षित किये हैं।

डीएमओ ने बताया कि इस साल अब तक डेंगू के 115 मरीज मिले हैं।डेंगू से अभी तक किसी की मृत्यु नहीं हुई है। वर्ष 2022 में 199, 2021में 99, 2020 में 20 और 2019 में 123  डेंगू के मरीज पाये गए थे।  

           खानपान पर दें ध्यान

 डीएमओ ने बताया कि बुखार की स्थिति में मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। अधिक से अधिक तरल पदार्थों जैसे ताजे फलों का जूस, दाल का पानी, नारियल पानी, ओ आर एस घोल, दूध- छाछ, ताजे फल, प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों आदि का सेवन करना चाहिए। तले भुने, गरिष्ठ भोजन, दर्द निवारक दवाओं आदि से बचना चाहिए।