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सुनो उपेंद्र कुशवाहा जी, कौन है भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ?



मधुसूदन सिंह

बलिया।।लिखना नहीं चाहता था लेकिन जब उपेन्द्र कुशवाहा जी का आरक्षण पर बयान आया तो रोक नहीं सका। श्री कुशवाहा जी आज हम आपको बताते है कि भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ कौन है? कुशवाहा जी, नीतीश कुमार जी, लालू जी, अखिलेश यादव जी, मायावती जी, प्रधानमंत्री जी या मुख्यमंत्री  जी ध्यान से सुनियेगा...

भूमिहार ,ब्राह्मण ,क्षत्रिय और कायस्थ (General Category) कौन हैं ? ये वे लोग है ---

जिस व्यक्ति पर एट्रोसिटी_एक्ट 89 के तहत बिना इन्क्वारी के भी कार्यवाई की जा सकती है, वो भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

जिसको जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करके बेखौफ गाली दी जा सकती है, वो भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

देश में आरक्षित 131 लोकसभा सीटो और 1225 विधानसभा सीटो पर चुनाव नही लड़ सकता है, लेकिन वोट दे सकता है, वो भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

जिसके हित के लिए आज तक कोई आयोग नही बना, वो भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

जिसके लिए कोई सरकारी योजना न बनी हो,वो  भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

जिसके साथ देश का संविधान भेदभाव करता है, वो भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

मात्र जिसको सजा देने के लिए NCSC और NCST का गठन किया गया वो भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

मात्र जिसे सजा देने के लिए हर जिले में विशेष SC/ST न्यायालय खोले गए हैं, वो अभागा  भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

जो स्कूल में अन्य वर्गों के मुकाबले चार गुनी फीस दे कर अपने बच्चों को पढाता है, वो बेसहारा भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।



नौकरी, प्रमोशन, घर अलॉटमेंट आदि में जिसके साथ कानूनन भेदभाव वैध है,वो बेचारा और कोई नही बल्कि भूमिहार, ब्राह्मण,क्षत्रिय और कायस्थ है।

सरकारों व सविधान द्वारा सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाने वाला जो वर्ग है वो भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

सबसे ज्यादा वोट देकर भी खुद को लुटापिटा ठगा सा महसूस करने वाला  भूमिहार ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

सभाओं में फर्श तक बिछा कर एक अच्छी सरकार की चाह में आपको सत्ता सौंपने वाला भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

देश हित मे आपका तन मन धन से साथ देने वाला भूमिहार, ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है।

इतने भेदभाव के बावजूद भी,धर्म की जय हो,अधर्म का नाश हो प्राणियों में सद्भावना हो,विश्व का कल्याण हो की भावना, जो रखता है,वो भूमिहार ,ब्राह्मण, क्षत्रिय और कायस्थ है ।





बिहार सरकार द्वारा जारी जातीय आंकड़ों के आधार पर यह तो साबित हो गया है कि अपने तन मन धन से राष्ट्र की सेवा करने वाला सामान्य वर्ग अल्पसंख्यक हो गया है। ऐसे में कम से कम बिहार में इस वर्ग को अल्पसंख्यक वर्ग का दर्जा देते हुए इसके उत्थान के लिये आरक्षण से लेकर अन्य संविधान से अनुमन्य सहायता मिलनी चाहिए। सामान्य वर्ग को आरक्षण मिलने से यह तो सुनिश्चित हो जायेगा कि इनके आरक्षण में कोई अन्य वर्ग नही भाग लेगा, बल्कि अगर इस वर्ग के बच्चे मेधावी होंगे तो अन्य वर्गों में छलांग लगा कर अपने एक भाई के लिये जगह बनाने का तो काम करेंगे।

साथ ही मेरा मानना है कि आरक्षण किसको मिले, इसके लिये भी योग्यता का निर्धारण होना चाहिए। एक बार जिसको भी आरक्षण मिल जाये, उसको आरक्षण सूची से हटा देना चाहिए। अगर ऐसा नही होता है तो बिहार से निकला जातीयता का यह राक्षस पूरे देश में ऐसा तांडव मचाएगा, जिसको रोकना सरकार के भी बस में नही रह जायेगा।

          जय हिन्द जय सवर्ण समाज