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पूर्व चेयरमैन कमलेश सिंह ने लगाया टाउन पॉलिटेक्निक बलिया में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप, टीडी कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बताया दलाल




बलिया।। टाउन पॉलिटेक्निक बलिया में चल रही विभिन्न पदों के लिये नियुक्ति प्रक्रिया पर पूर्व चेयरमैन टाउन पॉलिटेक्निक बलिया कमलेश कुमार सिंह ने भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। श्री सिंह ने इसमें प्राविधिक शिक्षा परिषद कानपुर के निदेशक के राम के भी शामिल होने का आरोप लगा कर सनसनी फैला दी है। सोमवार को श्री सिंह ने इस संबंध में एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट को सौपा है। साथ ही इस पत्र को माननीय मुख्यमंत्री जी व प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ को भी रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजा है। बता दे कि विभिन्न पदों के लिये चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में अब तक मेकेनिकल विभाग में 7 व्याख्याताओं का चयन कर लिया गया है। जिसमे टेक्निकल बोर्ड के निदेशक कन्हैया राम के पुत्र राम प्रकाश और टेक्निकल बोर्ड के पूर्व सचिव व राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ के प्रधानाचार्य राकेश वर्मा का पुत्र रमेश कुमार वर्मा का नाम भी शामिल है। यही नही इस नियुक्ति में टीडी कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और इस चयन प्रक्रिया में अवैध वसूली के लिये चर्चित शिवा शंकर चौबे (मान्यता प्राप्त पत्रकार भी ) के पुत्र अभिनव कुमार चौबे का भी नाम शामिल है, का आरोप श्री कमलेश कुमार सिंह ने लगाया है।श्री सिंह ने इस पूरी जांच प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच या एसटीएफ जांच की मांग की है।






अपने 22 सूत्रीय शिकायती पत्र में श्री सिंह ने जहां नियुक्ति के लिये जारी विज्ञापनों को ही त्रुटि पूर्ण कहा है, वही बिना अंतिम तिथि व बिना अखबारों में प्रकाशन के नियुक्ति को ही अवैध कहा है। कहा है कि प्रबंध समिति के चेयरमैन के पास बिना प्रबंध समिति द्वारा प्रस्ताव पारित करने के पहले कोई भी विज्ञापन निकालने का अधिकार ही नही है। श्री सिंह ने मेकेनिकल विभाग में --विशाल कुमार सिंह, अभिनव कुमार चौबे, रमेश कुमार वर्मा, राम प्रकाश और विश्व प्रकाश द्विवेदी तथा शशांक पांडेय प्रवक्ता भौतिकी और आनंद कुमार मिश्र प्रवक्ता गणित की नियुक्तियों की जांच की मांग की है। कहा है कि भ्रष्टाचार के चलते उच्च योग्यता धारियों की जगह कम न्यूनतम योग्यता धारियों को चयनित कर लिया गया है।  कहा कि इस नियुक्ति में एकेडमिक प्राप्ताँक के आधार पर अंक देने के बाद साक्षात्कार के अंक जोड़े जाने थे, जो नही किया गया है।