राम केवट संवाद के सजीव मंचन ने दर्शकों का मन मोहा
अखिलेश सैनी
रसड़ा (बलिया) : रसड़ की सुप्रसिद्ध रामलीला के दूसरे दिन रविवार की सायं 5 बजे गांधी पार्क के सुरम्य सरोवर में श्रीराम-केवट संवाद, श्रीराम के गंगा पार जाने का सजीव अभिनय रामलीला के पात्रों द्वारा किया गया। इसको देखने के लिए नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आये सैकड़ों की संख्या में अपलक इस आकर्षक नजारे को निहारते रहे। वन गमन के दौरान जब प्रभु श्रीराम गंगा तट पर पहुंचते हैं और केवट से पार उतारने का आग्रह करते हैं तो केवट कहता है -- मांगी नाव न केवट आना, कहही तुम्हार मरम मै जाना। अर्थात हे प्रभु मेरी नाव ही मेरे परिवार की भरण-पोषण का साधन है। सुना है कि आपके चरणों में धूल से पत्थर बनी अहिल्या नारी बन गई। अगर ऐसा हो गया तो मेरा परिवार तो भूखे ही मर जायगा। इस लिए आपके चरणों को धोए बगैर आपको उसपार नहीं पहुंचा सकता। केवट के काफी अनुनय-विनय के बाद श्रीराम पैर धुलाने के लिए राजी हुए। पैर के धोने के बाद केवट ने श्रीराम, जानकी व लक्ष्मण को गंगा के पार पहुंचाया। कलाकारों के इस प्रसंग मे मार्मिक अभिनय को देख वहां उपस्थित लोगों की आंखे छलछला आयीं।