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नृसिंह भगवान द्वारा भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिये प्रकट होते ही जयकारे से गुंजा पांडाल, लीला देख दर्शक हुए भाव विभोर




संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।। क्षेत्र के नरही में चल रहे पन्द्रह दिवसिय श्री लक्ष्मी नृसिंह महायज्ञ में वृन्दावन से आए  रासलीला कलाकारों ने भक्त प्रहलाद लीला का सजीव मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लीला दर्शन के दौरान नृसिंह भगवान की जय, राधे राधे की उद्घोष से पांडाल गूंज उठा।






                रासलीला में कलाकारों द्वारा दिखाया गया कि राक्षस राज हिरण्य कश्यप भगवान विष्णु का विरोधी है,उसके राज में भगवान का नाम नहीं लिया जाता है। जो भी नाम लेता है उसको मृत्युदंड दे दिया जाता है। हिरण्य कश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान का भक्त होता है। भगवान का नाम न ले इसलिए पहले उसे डराया जाता है। जब इससे भी बात नहीं बनती है उसे पर्वत से नीचे फेंका जाता है। भगवान के नाम जप के कारण उसे खरोच तक नहीं आती है। हाथी उसे कुचलता नहीं है। तब हिरण्य कश्यप के आदेश से उसे बुआ होलिका के साथ आग में प्रवेश करा दिया जाता है। होलिका को वरदान था कि आग का उस पर असर नहीं होगा,लेकिन यहां उल्टा हो गया। होलिका जल गई और प्रहलाद बच गया। इस बात से नाराज होकर हिरण्यकश्यप ने बेटे को खंभे में बांधकर तलवार के काटना चाहा। तभी खंभे से भगवान नृसिंह का रूप धारण कर प्रकट हो जाते है और भक्त प्रहलाद की रक्षा कर हिरण्य कश्यप का वध करते है। भगवान द्वारा हिरण्य कश्यप का वध करते ही दर्शकों से भरा पांडाल राधे राधे, हर हर महादेव तथा नृसिंह भगवान की जयकारे से गूंज उठा। रासलीला आरंभ होने से पूर्व विजय नारायण सिंह ने भगवान की झांकी का आरती पूजन किया। लीला में अर्जुन गोपालन, प्रदीप मिश्रा, राजेश सिंह, राहुल सिंह बघेल, आनन्द विजय, डा अच्युतानंद चौबे, सुनील राय, अशोक सिंह आदि मौजूद रहें।