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जिलाधिकारी ने किया अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण :ग्राम पंचायत सचिव को सस्पेंड करने, खंड विकास अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का दिया आदेश






 पशु चिकित्सक पर विभागीय कार्रवाई, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से स्पष्टीकरण और ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करने के निर्देश


बलिया।। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार बृहस्पतिवार को विकासखंड बेरूआरबारी के ग्राम करम्मर स्थित अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण किया। यहां पर जिलाधिकारी ने अभिलेखों का परीक्षण, पशुओं की संख्या, पशुओं के लिए भूसा, हरे चारे, पानी और प्रकाश की व्यवस्था, पशुओं की देखभाल करने वाले केयर टेकर, चौकीदार एवं पशु-चिकित्सक आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली।


जिलाधिकारी ने सत्यापन किया तो पाया कि अभिलेखों में पशुओं की संख्या 73 पाई गई जबकि निरीक्षण के समय 59 पशु पाये गये। गोवंश आश्रय स्थल के दो कमरों में भूसा रखा गया था और पानी निकालने के लिए मोटर लगा था।प्रकाश की व्यवस्था के लिए विद्युत कनेक्शन किया गया था लेकिन सोलर पैनल खराब पाया गया। पशुओं की देखभाल करने के लिए तीन केयरटेकर और एक चौकीदार रखा गया है। पशुओं की चिकित्सा के लिए एक पशु चिकित्सक मौजूद थे।





गोवंश आश्रय स्थल में प्रवेश करते ही परिसर में फैली गंदगी, हौज के पानी की गंदगी , हौज के पास जल जमाव की स्थिति एवं अभिलेखों में मौके पर मौजूद पशुओं के सापेक्ष अधिक संख्या देखकर जिलाधिकारी ग्राम पंचायत सचिव और पशु चिकित्सक पर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि पूरे जनपद में ऐसी बदहाल और दयनीय स्थिति किसी गोवंश आश्रय स्थल की नहीं है, जितना आप लोगों ने किया है। उन्होंने कड़े तेवर अपनाते हुए ग्राम पंचायत सचिव अजय कुमार पांडेय को जिला पंचायती राज अधिकारी द्वारा सस्पेंड करने और पशु चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।साथ ही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया और ग्राम प्रधान को भी नोटिस जारी किया गया।


जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी संजय कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करते हुए सख्त हिदायत दी कि अगले एक सप्ताह में अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके बाद जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल के पास स्थित अमृत सरोवर और आरआरसी(कूड़ा निपटान केन्द्र) का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय जिला पंचायती राज अधिकारी यतेंद्र सिंह मौजूद थे।