रास का अद्भुत दृश्य देखकर दर्शक हुए भावविभोर
सन्तोष कुमार द्विवेदी
नगरा, बलिया। क्षेेत्र के नरहेजी धाम नरही में चल रहे पन्द्रह दिवसीय श्री लक्ष्मी नृसिंह महायज्ञ के 13 वे दिन रासलीला में आज वृंदावन रास रच्यो है, मैं भी देखन जाऊंगी,राधा मोहे वृज के बनईहो मोर, गोकुल में देखो वृंदावन में देखो मुरली बाजे री.... आदि एक से बढ़कर एक भक्ति भजन, रास गीत पर राधे कृष्ण एवं गोपियों का रास प्रस्तुत कर वृंदावन से आए रासलीला कलाकारो ने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। रास रंग देख तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पांडाल गूंज उठा।
रासलीला कलाकारो ने अपने कला के माध्यम से भगवान कृष्ण संग गोपियों के रास रचाने का अद्भुत मंचन कर व्रज की याद ताजा करा दी। कृष्ण अपने प्रेयसी राधा एवं गोपियों संग मुरली बजाते हुए रास रचाते है। मुरली की मधुर ध्वनि गोपियों के कानो में पड़ते ही वे भगवान कृष्ण से मिलने के लिए व्याकुल होकर उन्हें ढूंढने लगती है और ढूंढते ढूंढते कृष्ण के पास पहुच जाती है। रास देखकर दर्शक भक्ति रस में डूब गए। कलाकारो ने एक से बढ़कर एक रास गीतों को पेश कर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। रास रंग देखकर दर्शक ताली बजाने व राधे का उद्घोष करने पर विवश हो गए। इससे पूर्व आयोजक डा विजय नारायण सिंह ने भगवान राधे कृष्ण की झांकी की आरती किए। श्रीमती मंजू सिंह, डा अच्युतानंद चौबे, राजेश सिंह, प्रदीप कुमार मिश्र, मसूद खान, अर्जुन गोपालन, आदित्य नारायण, आनंद विजय आदि मौजूद रहे।