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अहिल्या उद्धार, गंगा तट पर स्नान और नगर दर्शन को नये अंदाज में प्रस्तुत कर कलाकारों ने बटोरी खूब ताली

 






संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।। सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वाधान में जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित लीला में वृन्दावन से आए कलाकारो ने गुरूवार को अहिल्या उद्धार, गंगा तट आगमन तथा नगर दर्शन की लीला नवीनतम एवं आकर्षक ढंग से प्रस्तुत कर सैकड़ों दर्शको का मन मोह लिया।

                 कलाकारो द्वारा मंचित लीला के अनुसार सीता स्वयंवर का आमंत्रण मिलने के बाद राम लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ जनकपुर जा रहे हैं। महर्षि विश्वामित्र के जा रहे राम लक्ष्मण ने एक आश्रम में शिला देखकर विश्वामित्र से उसके बारे में पूछा तो उन्होंने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के शिला रूप होने की कथा का विशद वर्णन किया और राम को आज्ञा दी “गौतम नारि श्राप वश, उपल देह धरि धीर। चरण कमल रज चाहती,कृपा करहु रघुवीर।” इतना सुनते ही राम शिला को अपने चरण से स्पर्श करते हैं। चरण रज के स्पर्श होते ही शिला अहिल्या के रूप में परिवर्तित हो गयी। अहिल्या ने प्रभु चरणों की वंदना करके पति लोक को प्रस्थान किया। यह दृश्य अत्यंत ही प्रभावपूर्ण रहा। इसके पश्चात विश्वामित्र, राम व लक्ष्मण गंगा तट पर पहुंचे जहां पंडा लोगों का समूह एकत्रित था।भगवान राम लक्ष्मण और विश्वामित्र जी के आगमन पर सभी पंडागण अपने-अपने घाट पर स्नान करने का आग्रह करने लगे। विश्वामित्र ने शर्त रखी कि जो पंडा रघुवंश की वंशावली सुना देगा उसी के घाट पर स्नान किया जायेगा। तब एक पंडे ने बाल्मीकि रामायण में वर्णित श्रीराम की वंशावली निकाली और ब्रह्मा के पुत्र मरीच से प्रारंभ करके सूर्यवंश के सारे सम्राटों का वंश वृक्ष वर्णन करते हुए दशरथ पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न तक की वंशावली प्रस्तुत की। तीनो उसी के घाट पर स्नान करके वे आगे बढ़े।





जनकपुर में राजा जनक ने मंत्रियों के साथ आकर उनका स्वागत किया और सुंदर आसन पर विराजमान किया। लक्ष्मण की लालसा पूर्ति हेतु श्री राम ने गुरु से आज्ञा प्राप्त कर उन्हें नगर दर्शन कराने ले गये। उन्हें देखकर महिलायें में अपने भावों को प्रकट करने लगीं।किसी ने जिज्ञासा प्रकट की कि यदि जनक नंदिनी से इनका विवाह हो जाये तो अति सुंदर हो। नगर के अनेक बालक आकर उनका परिचय प्राप्त करके उनको नगर भ्रमण कराने ले गये तथा मिथिला के मुख्य मुख्य मनोरम स्थानों को दिखाने लगे। लीला का शुभारंभ नगर पालिका रसड़ा के पुर्व अध्य्यक्ष वशिष्ठ नारायण सोनी, बेल्थरारोड के पुर्व अध्यक्ष दिनेश कुमार गुप्ता ने संयुक्त रूप से भगवान की आरती पूजन कर किया।पुर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, प्रो समरजीत सिंह, प्रधानाचार्य जगरनाथ पात्रा,राजेश कुमार गुप्ता, रामायण ठाकुर, डॉ शशि प्रकाश कुशवाहा, गणपति गोड, सुनील गुप्ता, कृष्णपाल यादव, हरेराम गुप्ता, अनिल,अभिषेक, राजू चौहान, विनोद कुमार गुप्ता, वृज मोहन गुप्ता, आदि मौजूद रहे।