रामेश्वरम सेतु स्थापना, रावण अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्तिबाण और मेघनाद बध का सजीव अभिनय श्रोताओं को कर गया मंत्रमुग्ध
अखिलेश सैनी
रसड़ा (बलिया)।। जीवंतता से ओतप्रोत रसड़ा की ऐतिहासिक श्रीरामलीला में रविवार को नौवें दिन रामलीला मैदान में श्रीराम द्वारा रामेश्वर सेतु की स्थापना, रावण-अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्तिवाण व मेघनाद के वध के प्रसंग का अभिनय किया गया। कलाकारों द्वारा किए गए अभिनय ने सभी को भाव-विह्वल कर दिया वहीं लक्ष्मण को शक्तिवाण लगने के बाद भगवान श्रीराम व उनकी सेना के करूण क्रंदन सुन उपस्थित हजारों दर्शक रो पड़े। सीता का पता चलते ही किष्किंधा के वानर, भालू श्रीराम के साथ लंका पर चढ़ाई के लिए प्रस्थान कर जाते हैं। समुंद्र द्वारा रास्ता न देने पर श्रीराम द्वारा वाण का संधान व समुंद्र के माध्यम से नल-नील के बारे में जानकारी देने पर पुल बनता है। साथ ही सेतु बांध रामेश्वर से भगवान शिव की स्थापना होती है और सेना लंका में उतर जाती है।
लंका पहुंचकर सीता को लाने के लिए श्रीराम ने दूत के रूप में अंगद को रावण के दरबार में भेजते हैं। अंगद ने रावण को काफी समझाया किंतु हठी रावण ने उनकी एक न सुनी जिससे भयंकर युद्ध छिड़ जाता है। इस दौरान मेघनाद शक्ति वाण चलाकर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। लक्ष्मण के अचेत होने पर श्रीराम सहित उनकी सेना विलाप करने लगते हैं। सुषेन वैद्य के कहने पर हनुमान जी संजीवनी बुटी लाने निकल पड़ते हैं। संजीवनी बूटी से सुषेन वैद्य ने लक्ष्मण को ठीक कर देते हैं। बाद में पुन: भयंकर युद्ध शुरू हो जाता है। जिसमें लक्ष्मण के हाथों मेघनाद मारा जाता है। तत्पश्चात मेघनाद की पत्नी सुलोचना भी सती हो जाती है। इस अवसर पर लीला प्रभारी टुना बाबा, अरिवंद पांडेय, जितेंद्र तिवारी, अंजनी तिवारी सहित अन्य कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।