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रावण के जन्म से लेकर ब्रह्मा जी से वरदान मांगने तक की कथा का दूसरे दिन हुआ सजीव मंचन



संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया। सार्वजानिक रामलीला समिति के तत्वावधान में जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में चल रही रामलीला के दुसरे दिन सोमवार को लंकापति रावण का जन्म, ब्रम्हा से वरदान, रावण अत्याचार की लीला का मंचन किया गया। इस मंचन के साथ ही रावण के बाल्यकाल से लेकर वरदान मांगने यथा अत्याचार तक के कार्यक्रम प्रस्तूत किया गया। लीला का शुभारम्भ बाल रोग विशेषज्ञ एवं सीएचसी के पुर्व चिकित्साधिक्षक डॉ अमित कुमार राय ने भगवान की आरती पूजन कर किया।





               लीला के अनुसार  रावण ऋषि विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी कैकसी के गर्भ से पैदा हुआ था।उसका भाई कुंभकर्ण भी दशानन के पथ पर चलकर राक्षसी कृत्यों में लिप्त रहता था। जबकि विभीषण शुरूआत से ही इन दोनों से अलग रहकर पले-बढ़े थे।इसके बाद रावण, कुंभकरण और विभीषण तप करने लगे। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी प्रकट हुए। ब्रह्मा जी ने तीनों भाइयों को अपनी इच्छानुसार वरदान मांगने को कहा। रावण ने वर मांगा कि वह त्रैलोक्य विजेता और बलशाली हो जाए।कुंभकरण ने छह माह की निद्रा और विभीषण ने प्रभु चरणों में जीवन पर्यंत आसरा मांगा। वरदान मिलते ही रावण देवी-देवताओं और ऋषि मुनियों पर अत्याचार करने लगा। इससे पुर्व लीला में दिखाया गया कि अयोध्या के राजा मनु महाराज अपने पुत्र उत्तानपाद को राजपाट सौप कर पत्नी सतरूपा के साथ वन में तपस्या करने चले गए और घोर तप में लीन हो गए। उनकी तपस्या से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा। मनु सतरूपा ने भगवान से पुत्र के रुप में जन्म लेने का वरदान मांगा, जिसपर भगवान विष्णु ने त्रेता युग में उनके पुत्र के रुप में जन्म लेने का वर दिया। पुर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, प्रधान संजय यादव, देव भूषण पांडेय, राजेश कुमार गुप्ता, रामायण ठाकुर, डॉ शशि प्रकाश कुशवाहा, गणपति गोड , हरेराम गुप्ता,सुनील गुप्ता, महेश वर्मा,अभिषेक मद्धेशिया आदि उपस्थित रहें। सुरक्षा की दृष्टि से थानाध्यक्ष अतुल कुमार मिश्र मय फोर्स चक्रमण करते रहें।