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कुम्भकर्ण बध, अहिरावण बध के साथ समाप्त हुई दशवें दिन की रामलीला, जय श्रीराम जय हनुमान के नारों से गुजता रहा पांडाल



अखिलेश सैनी 

रसड़ा (बलिया) : परंपरा के अनुसार लगभग डेढ़ सौ वर्षों से चली आ रही बहुचर्चित एवं वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल रसड़ा की गौरवपूर्ण श्रीरामलीला में सोमवार को दसवें दिन रावण द्वारा कुंभकरण को जगाना, प्रभु श्रीराम के हाथों कुंभकरण का वध, अहिरावण द्वारा श्रीराम व लक्ष्मण को चुरा कर पतालपुरी लेकर जाने तथा हनुमान जी के द्वारा अहिरावण का वध का शानदार जीवंत अभिनय कर कलाकरों ने हजारों दर्शकों को रोमांचित कर दिया। मेघनाद्य के मारे जाने के बाद रावण गहरी निंद्रा में सो रहे कुंभकरण को काफी प्रयास के बाद जगाकर सारा वृतांत को बताया।





तत्पश्चात कुंभकरण व प्रभु श्रीराम से भयंकर युद्ध छिड़ गया और कुंभकरण प्रभी श्रीराम के हाथों मारा गया। मेघनाद के बाद कुंभकरण के वध से रावण दरबार में हाहाकार मच गया।रावण के भाई अहिरावण ने अपने खेमे में सो रहे श्रीराम व लक्ष्मण का अपहरण कर पातालपुरी लेकर चला गया। श्रीराम व लक्ष्मण के लापता होने से वानरी सेना में भारी मायूसी छा गई। श्रीराम व लक्ष्मण का पता लगाने के लिए हनुमान जी पतालपुरी पहुंचे गए और अहिरावण का वध कर श्रीराम व लक्ष्मण को लेकर  बाहर आये। इस सजीव लीला को देख मेला में उमड़ा जनसैलाब श्रीराम व हनुमान की जयकारा लगाना शुरू कर दिया।