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जयंत पक्षी का अंग भंग, मुनि मिलन और सती अनुसूईया मिलन के प्रसंग को कलाकारों ने किया जीवंत, दर्शकों ने खूब सराहा






अखिलेश सैनी 

रसड़ा (बलिया)।। रामनगर वाराणसी के बाद देशभर में दूसरा स्थान रखने वाली रसड़ा की रामलीला में बुधवार को पांचवेँ दिन रामलीला मैदान में जयंत पक्षी का अंग-भंग, मुनि मिलन व सती अनुसुइया मिलन के विभिन्न प्रसंगों का कलाकारों ने जीवंत व भावपूर्ण अभिनय किया। इसे देख दर्शक भाव-विह्वल हो उठे। वन गमन के दौरान जब मां जानकी अपनी कुटियां के बाहर बैठी हुई थी कि उसी समय इंद्रदेव का पुत्र जयंत पक्षी का वेश धारण कर गलत नियत से जानकी के पैरों में चोंच मारकर लहुलूहान कर दिया। यह देख भगवान श्रीराम उस पक्षी के मारने को तीर छोड़ दिए। जयंत पक्षी अपनी जान बचाने के लिए विभिन्न देवी-देवताओ सहित नारद मुनि की शरण में गया। जहां उनके द्वारा बताया गया कि तुमने मां सीता के पैरों में चोंच मारकर घोर पाप कर दिया किया है। इसके लिए तुम्हें प्रभु श्रीराम के चरणों में गिरकर माफी मांगनी होगी।





जबतक जयंत श्रीराम से माफी मांगता तब तक उनके द्वारा छोड़ा गया तीर उसकी एक् आंख को भंग कर दिया। तत्पश्चात श्रीराम, सीता व लक्ष्मण जंगल में विचरण करने चल दिए। इस दौरान वहां तपस्या कर रहे यत्रि मुनी व भारद्वाज मुनी से मुलाकात हुई जहां दोनों मुनियों ने तपस्या के दौरान राक्षसों के अत्याचार के बारे में बताया गया। इस पर श्रीराम ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। साथ ही यत्री मुनी की धर्मपत्नी सती अनुसुइया ने मां ने सीता को नारी धर्म, पति धर्म सहित अनेक प्रसंगों पर ज्ञान प्रदान किया। इन तीनों प्रसंगों को देखने के लिए हजारों की भीड़ रामलीला मैदान में जमी रही।