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घटना की तिथि से 2वर्ष तीन माह में पास्को और हत्या के प्रयास के मामले में कोर्ट ने सुनाया निर्णय, आरोपी को हुआ आजीवन कारावास और 15 हजार का जुर्माना


                    फोटो -विशेष लोक अभियोजक 

साक्ष्य प्रारंभ होने की तिथि से 9 माह के अंदर निर्णय 

बलिया।।न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 8/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)न्यायाधीश प्रथम कांत की अदालत ने नाबालिक लड़की के साथ छेड़खानी करने और चाकू से मार कर चेहरे को छत  विक्षत कर  गंभीर चोट  पहुंचाने  के मामले में अभियुक्त यशवंत सिंह उर्फ टुना पुत्र मुक्तेश्वर सिंह निवासी  रोहुआ थाना बांसडीह रोड जिला बलिया को आजीवन कारावास  व कुल ₹15000 अर्थ दंड से दंडित किया।अर्थ दंड न देने की दशा में 6 माह के  सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी ।साथ ही अर्थ दंड की धनराशि में से ₹10000 पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान करने का आदेश पारित किया  व शेष  धन राशि राज्य कोष में जमा करने का आदेश किया।





संक्षेप में अभियोजन कथन यह है कि वादी मुकदमा ने एक लिखित प्रार्थना पत्र थाना बांसडी रोड पर दिया था कि दिनांक 12/ 7 /2021 को दोपहर लगभग 2.30बजे वादी की बेटी पीड़िता घर पर अकेली थी कि इस समय वादी के गांव का ही यशवंत सिंह उर्फ टुना  पुत्र मुक्तेश्वर सिंह सुनसान पाकर वादी के घर में घुसकर वादी की पुत्री पीड़िता से छेड़खानी करने लगा। तब पीड़िता ने छेड़खानी का विरोध किया तो उक्त यशवंत सिंह ने कहा कि आज तुम्हे जान से मार कर खत्म कर देंगे। यह कहते हुए  चाकू निकालकर वादी की बेटी को जान से मारने की नीयत से उसके चेहरे पर कई बार वार कर घायल कर दिया।जिसके आधार पर थाना बांसडीह रोड पर मुकदमा दर्ज हुआ।


 विवेचक ने दौरान विवेचना अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र छेड़खानी करने ,जान से मारने की नियति  से गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में, तथा आयुध अधिनियम के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया ।न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए पत्रावली का विचरण प्रारंभ किया और दौरान विचारण अभियोजन के तरफ से प्रस्तुत साक्षय व सबूत का सम्यक परिसिलान करने के पश्चात अभियोजन के तरफ से विमल कुमार राय विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट)व बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रेम शंकर वर्मा न्याय मित्र की बहस सुनने के उपरांत अभियुक्त के खिलाफ आरोप  दोष सिद्ध पाया और अभियुक्त को आजीवन कारावास वअर्थदंड के रूप में कुल 15000 रुपए की सजा सुनाई। अर्थ दंड न देने पर 6माह  आतिरिक्त करावास भोगना पड़ेगा।