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टाउन पॉलिटेक्निक नियुक्ति मामला : नये चयनित प्रवक्ताओं को डबल बेंच से भी अभी नहीं मिली राहत, अगली सुनवाई 4 दिसंबर को




बलिया।। टाउन पॉलिटेक्निक बलिया में पिछले दिनों शुरू हुई नियुक्ति में धांधली होने की पूर्व चेयरमैन कमलेश सिंह की शिकायत के बाद सरकार द्वारा नियुक्तियों को शून्य घोषित कर की जा रही जांच से राहत के लिए और चयनितों को ज्वाइन कराने के लिए चेयरमैन राजीव कुमार को अभी माननीय प्रयागराज उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ की डबल बेंच से भी राहत नहीं मिली है। माननीय न्यायमूर्ति श्री अताऊ रहमान मसूदी और न्यायमूर्ति श्री ओमप्रकाश शुक्ला की डबल बेंच ने अपील कर्ता और सरकारी पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस को सुनने के बाद प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद को दो सप्ताह के अंदर नियुक्ति से संबंधित शिकायतों का निस्तारण करके रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया। साथ ही निदेशक प्राविधिक शिक्षा परिषद को भी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

इस आदेश के बाद टाउन पॉलिटेक्निक के लिए नव चयनित प्रवक्ताओं को अभी इंतजार करना होगा। बता दे कि इस चयन प्रक्रिया में शासन  शिकायत के आधार पर वर्ष 2016 में प्रकाशित विज्ञापन का 2022 में निकाले गये शुद्धि पत्र में बिना अनुमति के नये पद / संख्या कैसे जोड़ी गयी, इसकी जांच कर रहा है। यह भी जांच कर रहा है कि परीक्षा शुल्क जो टाउन पॉलिटेक्निक के खाते में 2016 में जमा हुआ था, 2022 में चेयरमैन टाउन पॉलिटेक्निक के खाते में कैसे जमा हुआ।

यह भी जांच हो रही है कि ज़ब संस्था के प्रधानाचार्य, कार्यवाहक है और इनकी योग्यता डिप्लोमा धारी है, तो ये कैसे चयन समिति के सदस्य बनकर बीटेक, एमटेक और डॉक्टरेट उपाधि धारी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार ले सकते है। जबकि नियमों के अनुसार कार्यवाहक प्रधानाचार्य चयन समिति का सदस्य नहीं हो सकता है।






शासन यह भी जांच कर रहा है कि 2016 में निकले विज्ञापन में चयन साक्षात्कार के आधार पर होना था, तो फिर किस आदेश से लिखित परीक्षा करायी गयी। लिखित परीक्षा कराने के लिए/ पेपर बनाने के लिए किसी सरकार द्वारा मान्य एजेंसी का चयन क्यों नहीं किया गया। साथ टाउन पॉलिटेक्निक अपने कैंपस में ज़ब 2 हजार से अधिक छात्रों की परीक्षा नकल विहीन कराता है तो फिर किन परिस्थियों में अपने कैंपस में चयन वाली परीक्षा न कराकर टीडी कॉलेज में करायी गयी।

पिछले 27 अक्टूबर को माननीय सिंगल बेंच द्वारा चेयरमैन राजीव कुमार को बर्खास्त करने के शासनादेश को बर्खास्तगी के लिए कारण न बताने कर कारण बहाल किया लेकिन नियुक्तियों को शून्य करके शासन द्वारा की जा रही जांच में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। 9 नवम्बर 2023 को डबल बेंच के आदेश के बाद एक बार फिर कार्यवाही वाली गेंद प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा के हाथों में पहुंच गयी है। अब देखना है कि 4 दिसंबर को निर्धारित तिथि के पूर्व शासन अपनी जांच रिपोर्ट  क्या सौपता है।