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बलिया महोत्सव का हुआ समापन, रवि किशन व निरहुआ ने यादगार बनाया : डीएम मैनपुरी को मिला बलिया रत्न सम्मान







बलिया।। बलिया जनपद स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य तीन दिवसीय बलिया महोत्सव का समापन शुक्रवार को हो गया। अंतिम दिन अभिनेता व सांसद रवि किशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ सहित कई कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर महोत्सव को यादगार बना दिया। आयोजन में अंतिम दिन अपार जनसमूह उमड़ा था। 



पद्मश्री सांसद सोमा घोष ने भी अपनी गीतों से लोगों को खूब झुमाया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से आए कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से सब का मन मोह लिया। मुंबई से आए हास्य कलाकार रवींद्र जाॅली ने लोगों को खूब गुदगुदाया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी के अलावा उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव अगले वर्ष से और भव्य होगा। अगले वर्ष आयोजन सात दिन का होगा जिसमें पूरे देश से नामी-गिरामी कलाकारों को बुलाया जाएगा। आयोजन में लगे वॉलिंटियर्स को भी धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार पुलिस अधीक्षक एस आनंद पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी सहित अन्य अतिथि व अधिकारी थे।





बलिया रत्न से सम्मानित हुए मैनपुरी डीएम व अन्य अतिथि


बलिया जिले के रहने वाले और वर्तमान में मैनपुरी के डीएम अविनाश कृष्ण सिंह, पर्यटन विभाग के एसपीएन डीएन यादव व बलिया के निवासी अन्य अतिथियों को बलिया रत्न से सम्मानित किया गया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि अगले वर्ष यह महोत्सव और भव्य होगा। कोशिश रहेगी कि उन सभी लोगों को बलिया रत्न से सम्मानित किया जाए जो बलिया के निवासी है और उच्च पदों पदों पर आसीन हैं। ऐसे लोगों को बुलाकर बलिया के विकास में उनसे योगदान लिया जाएगा। 


  पंजाबी व राजस्थानी लोकनृत्य ने मोहा मन

इससे पहले बलिया महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को पंजाबी व राजस्थानी लोकनृत्य ने लोगों को जमकर झूमाया। ख़ासकर राजस्थानी लोकनृत्य ने मौजूद सबका मन मोह लिया। कलाकारों में फ़िल्मी गानों पर भी एक से बढ़कर एक डांस की प्रस्तुति की। पंजाब से आयी टीम ने पंजाबी नृत्य से दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। वहीं गोपाल राय ने भी देशभक्ति गीतों से खूब मनोरंजन किया। बलिया के स्वतंत्रता संग्राम के वीरों पर आधारित गीत से शुरुआत की। फिर वन्देमातरम् गीत से मंगल पांडेय के संघर्ष की सजीव गाथा सुनाई। अनुभा राय ने लोकगीत सुनाये। इसके बाद सनी पांडेय ने ‘हमार ज़िला बलिया बाग़ी ह’ गया तो युवा बेक़ाबू होकर नाचने लगे।