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अपनी ही सरकार में न्याय के लिए आमरण पर बैठे भाजपा के निवर्तमान जिला महामंत्री, आंसू बहाते हुए बोले - अपनी ही सरकार में सपा से भी ज्यादे मिल रही है जलालत और प्रताड़ना

 



बलिया।। एक कहावत जिसमे सोने ने लोहे से कहा कि ज़ब हाथोंड़ा पड़ता है तो तुम जोर जोर से क्यों चिल्लाते हो, ज़बकि मुझे चोट लगती है तो भी धीरे धीरे सिसकता हूं। तब लोहे ने कहा कि मित्र तुम नहीं समझोगे, दूसरा अगर चोट करता है तो बर्दाश्त हो जाता है लेकिन अगर अपना चोट करता है तो दर्द असहय हो जाता है और आवाज जोर से निकलती है।





जी हां, यही कहावत बलिया में आज चरितार्थ होती दिख रही है। यहां पर भाजपा की ही सरकार में निवर्तमान महामंत्री नन्दलाल सिंह अपनी जमीन पर दबंगो द्वारा किये गये कब्जे को हटाने के लिए ज़ब प्रशासनिक अधिकारियों के यहां दौड़ते दौड़ते थक गये तो 6 नवंबर को कलेक्ट्रेट पर आमरण अनशन पर बैठ गये। इनका आरोप है कि अपनी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अपनी ही सरकार में मुझे जितनी जलालत और प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है, उतनी तो सपा सरकार में भी नहीं मिली थी। इनका आरोप है कि जिन दबंगो ने मेरी और ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा किया है, वे लोग भाजपा सरकार बनने से पहले सपाई थे।

श्री सिंह ने जो आरोप लगाया है, उसको आप स्वयं सुनिये और देखिये निवर्तमान जिला महामंत्री कैसे रों रों कर अपनी व्यथा कह रहे है ---