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वर्तमान की समझ एवं भविष्य के प्रति समर्पित रहे छात्र :कुलपति







कुँवर सिंह पीजी कॉलेज में  शिवशंकर सभागार का हुआ उदघाटन :स्वर्ण जयंती समारोह पर संगोष्ठी का आयोजन

छात्राओं की रंगारंग प्रस्तुति 

बलिया।। कुँवर  सिंह पीजी कॉलेज में महाविद्यालय के प्रबंधक/सचिव सुरेश बहादुर सिंह की अध्यक्षता में बाबू शिवशंकर सिंह "वकील साहब" की स्मृति एवं स्वर्ण जयंती के अवसर पर में शिवशंकर सभागार का उद्घाटन हुआ। इस सुअवसर पर विशिष्ट अतिथि के रुप में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता एवं वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम की शुरुआत कुँवर सिंह चौराहा स्थिति कुँवर सिंह महाविद्यालय स्थित बाबू शिवशंकर सिंह की मूर्ति पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण से हुआ। सभागार उद्घाटन के अवसर पर स्वागत भाषण प्राचार्य प्रो. अशोक कुमार सिंह ने प्रस्तुत करके बीज वक्तव्य एवं महाविद्यालय की स्वर्णिम उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कहा कि समकालीन भारत में बाबू शिवशंकर सिंह का व्यक्तित्व विशिष्ट था। क्योंकि वह आजन्म गरीबी एवं परपीड़ा से मुक्त समाज की कल्पना करके सुदृढ़ मानदंड स्थापित किये। इस क्रम में प्रो. अजय बिहारी पाठक ने बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया।प्रो. फूलबदन सिंह ने इस अवसर पर लोक प्रचलित भोजपुरी कविता के माध्यम से दर्शकों में नये उत्साह का संचार किया।



कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्त कुँवर सिंह की तमाम स्मृतियाँ विद्यमान है। यह स्वर्णिम संगम है। लोक के सामाजिक तानाबाना के आधार पर भावी पीढ़ी निर्मित होती है। वर्तमान की समझ एवं भविष्य के प्रति सचेत होना चाहिए। इन्हें सबसे बड़े संकट नरेटिव के समय मुक्त रहना है।

कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि-गुरु ही रोज परीक्षा देता है। उसकी काबिलियत शिष्य सफलता पर निर्भर करती है।प्रबंधक सुरेश बहादुर सिंह ने कहा कि यह सभागार पवित्र है। कुँवर सिंह केंद्रित स्मारिका एवं पुस्तक का प्रकाशन किया जायेगा। 1857 के नायक के नायकत्व की प्रासंगिकता वर्तमान बौद्धिक अवशेष में स्थित है।





इस अवसर पर बलिया एक्सप्रेस शीर्षक लघु नाटिका ने दर्शकों को भरपूर आकर्षित किया। इसमें दिव्यांशी, अदिति, शिवानी, सुप्रिया, खुशबू और निधि द्वारा अभिनित इस नाटक को खूब सराहा गया।कार्यक्रम का संचालन प्रो. अशोक सिंह एवं आभार डॉ. हरिशंकर सिंह ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर  पूर्व प्राचार्य प्रो. अंजनी कुमार सिंह, डॉ. वीरेंद्र बहादुर राय, डॉ. गजेंद्र पाल सिंह, डॉ. विजय बहादुर सिंह, डॉ. राघवेंद्र बहादुर सिंह, प्रो. बैकुंठ नाथ पाण्डेय (प्राचार्य, एस सी कॉलेज), प्रो. रविंद्र नाथ मिश्रा (प्राचार्य, टी डी कॉलेज), प्रो. धर्मत्मान्नंद (मथुरा पी जी कॉलेज), प्रो. निर्मला सिंह (प्राचार्या), डॉ. सत्य प्रकाश सिंह, प्रो. फूलबदन सिंह, प्रो. रामकृष्ण उपाध्याय, प्रो. अखिलेश राय, प्रो. अरविंद नेत्र पाण्डेय, डॉ. रामशरण पाण्डेय, प्रो. संजय, डॉ हरिशंकर सिंह, डॉ. मनजीत सिंह, सुरेन्द्र कुमार, डॉ राजेन्द्र पटेल, शशि सिंह, पूर्व अध्यक्ष घनश्याम सिंह, नारद सिंह, मानवेन्द्र सिंह, रामकुमार सिंह, नितेश यादव, वीरेंद्र सिंह, जैनेन्द्र पाण्डेय, सुजीत कुमार, पुनिल कुमार, अवनीश जगन्नाथ, रामकुमार सिंह, प्रवीण सिंह, बब्बन, दीनानाथ राय सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना सहित महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं के साथ ही गणमान्य लोगों की सहभागिता रही।