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जिलाधिकारी ने की मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली एवं 50 लाख से अधिक लागत के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा




लीगेसी वेस्ट की भौतिक कार्य प्रगति धीमी पाए जाने के कारण कार्यदायी संस्था सीएन्डडीएस के अधिशासी अभियंता को शो काज नोटिस

निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने व तय समय में निर्माण कार्य पूरा न करने वाली कार्यदाई संस्थाओं पर होगी करवाई

बलिया।। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली एवं 50 लाख से अधिक लागत वाली निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कार्यदायी संस्थाओं के मुख्य अधिकारी सम्मिलित रहे। इस बैठक में पिछले माह से वर्तमान माह तक की भौतिक रिपोर्ट का आकलन किया गया ।जिले में सीएन्डडीएस उत्तर प्रदेश जल निगम आजमगढ़, यूपीपीसीएल यूपीआरएनएस‌एस, बलिया (पूर्व नाम पैकफेड), राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद, निर्माण खंड- वाराणसी- 03 आजमगढ़, उत्तर प्रदेश सेतु निगम लिमिटेड, बलिया, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (पूर्व नाम लैकफेड), उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम लिमिटेड, वाराणसी, और उत्तर प्रदेश जल निगम, बलिया सहित अन्य कार्यदायी संस्थाओं द्वारा जिले में विकास से संबंधित निर्माण कार्य कराया जा रहा है।



कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के कार्यों में , राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सीयर, बलिया और रसड़ा को उन्नयन किये जाने हेतु आधुनिक कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष का निर्माण,नगर पंचायत नगरा एवं रतसड़ में नगर पंचायत भवन का निर्माण ,नगर पालिका परिषद बलिया में लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा  निर्देशित किया गया। लिगेसी वेस्ट के निर्माण कार्य में भौतिक प्रगति धीमी पाये जाने पर जिलाधिकारी ने सीएन्डडीएस के अधिशासी अभियंता को शो काज नोटिस जारी करने और संस्था के प्रमुख सचिव को चिट्ठी लिखने का निर्देश दिया।


इसी प्रकार यूपीपीसीएल के कार्यों की समीक्षा में राजकीय आईटीआई नवानगर और इब्राहिमाबाद के बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के परिसर में अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं हेतु 100 छात्रों की क्षमता के छात्रावास का निर्माण कार्य,और जनपद के विभिन्न थानों में हॉस्टल, वैरक व विवेचना कक्ष जैसे निर्माण कार्यों को तय समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।


 राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सोनबरसा में विद्युत कनेक्शन का का कार्य,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत जनपद बलिया में ड्रग वेयरहाउस के अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया।यूपीआरएनएसएस के निर्माण कार्यों में प्राचीन मठ बिसौली का सुंदरीकरण, वीर लोरिक स्पोर्ट्स स्टेडियम के नवीनीकरण और जीर्णोद्धार के कार्य सहित अन्य कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।


उत्तर प्रदेश जल निगम बलिया के अधिशासी अभियंता ने बताया कि वर्तमान में जल निगम से संबंधित कुल 55 परियोजनाएं जनपद में निर्माणाधीन है जिनमें से 29 का कार्य पूर्ण हो चुका है। दिसंबर में 11 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है।इस पर जिलाधिकारी ने बाकी के निर्माण कार्यों को भी शीघ्र पूर्ण करने को कहा।





इसी प्रकार प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (पूर्व नाम लैकफेड), उत्तर प्रदेश राज्यसेतु निगम लिमिटेड, बलिया, तथा अन्य कार्यदायी संस्थाओं द्वारा जिले में संचालित  निर्माण कार्यों की जिलाधिकारी द्वारा बारी-बारी से समीक्षा की गयी और जरूरी दिशा निर्देश दिया गया। कहा कि जितने भी निर्माणाधीन परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है उसे संबंधित विभाग को हैंड ओवर करें और अधूरे निर्माण कार्यों को लेबर फोर्स बढ़ाकर शीघ्रता से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि सभी कार्यदायी संस्थाएं निर्माणाधीन परियोजनाओं की भौतिक प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री अनुश्रवण प्रणाली (CMIS) पोर्टल के माध्यम से अपडेट करें। उन्होंने जनपद में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा सरकार के मानक के अनुरूप और गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए निर्माणाधीन विकास कार्यों को तय समय में हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए।


जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में लापरवाही करने वाली कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को चेतावनी दी और कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं को तय समय में पूरा न करने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और इसकी रिपोर्ट शासन में भी भेजी जाएगी। इस बैठक में जिला विकास अधिकारी राजित राम मिश्र , जिला विकास अधिकारी राजित राम मिश्र परियोजना निदेशक उमेश मणि त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारियों सहित कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद थे।