सीएम योगी ने अखिलेश को समझाया बजट और अनुपूरक बजट के बीच का अंतर
सीएम योगी ने कहा- सपा सरकार नौजवानों के विश्वास को कुचलने का कार्य कर रही थी
लखनऊ।।सीएम योगी ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्हें मूल बजट और अनुपूरक बजट के बीच का अंतर समझाया। साथ ही उन्होंने शिवपाल को भी आड़े हाथ लिया और मुहावरे के जरिए उन पर तंज कसा। सीएम योगी ने कहा कि अनुपूरक बजट में परंपरागत बजट के लिए पैसे की मांग नहीं होती, बल्कि नई मांग के लिए पैसे की मांग होती है। इसमें गंगा एक्सप्रेस वे के लिए पैसा मांगा गया है। वह भी टेंडर के दौरान जीएसटी 12 फीसदी थी जो बढ़कर 18 फीसदी हो गई है, इसके लिए पैसा मांगा गया है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक आदि एक्सप्रेस वे के लिए पैसा नहीं मांगा गया है।
सीएम योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के बारे में कह रहे थे कि वह 6 हजार करोड़ का नहीं है, बल्कि कुल 35 सौ करोड़ का है। ये लिंक एक्सप्रेस वे लो लैंड एरिया से होकर गुजर रहा है। ये संत कबीरनगर और अंबेडकर नगर को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले एक्सप्रेस हाईवे और सड़कों की क्या स्थिति थी वो किसी से छिपा नहीं है। लोग कहते थे कि जहां से अंधेरा शुरू हो समझ लो यूपी आ गया। जहां से गड्ढे शुरू हो समझ लो यूपी आ गया। सीएम योगी ने कहा कि आज शिवपाल जी धन्यवाद भी देते हैं। शिवपाल जी कहते हैं मैं भी ऐसा करना चाहता था मगर सपोर्ट नहीं मिला, तब मैं उनसे कहता हूं कि बचपन से ही गलत राह दिखाई है तो क्या होगा। बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। बबूल का पेड़ लगाएंगे तो आम कैसे मिलेगा।
सीएम योगी ने कहा कि हमारा मानना है कि दृष्टि लक्ष्य पर हो, और कदम रास्ते पर हो तो ऐसी कोई रास्ता नहीं है जो लक्ष्य तक ना जाता हो। हमने वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है ये सभी राह उसी तक पहुंचने के हैं। आपका कोई लक्ष्य नहीं था, ना कोई दृष्टि थी, इसीलिए दिशाहीन थे। प्रदेश को अपराध, दंगों और अराजकता का प्रदेश बना दिया था। नौजवानों के विश्वास को कुचलने का कार्य कर रहे थे। भर्ती में भाई-भतीजावाद कर रहे थे पूरी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने पर उतारू थे। लेकिन आज प्रदेश का दृष्टिकोण बदला है। आज प्रदेश का औदयोगिक वातावरण किसी से छिपा नहीं है। इन्वेस्टर समिट कैसा होना चाहिए इसका उदाहरण फरवरी 2018 में हुए पहले यूपी इन्वेस्टर्स समिट से पता चल गया था।
जब सारे हथियार फेल हो जाते हैं तो एक ही ब्रह्म अस्त्र होता है इनके पास, जाति... और जब जाति की बात आती है तो उसके बाद वह घूम फिर करके परिवार पे आ जाता है, फिर परिवार से उबर नहीं पाएंगे।
- योगी अदित्यनाथ, मुख्यमंत्री।
डॉक्टर बन रहे थे, इंजीनियर बनते तो लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ जाता गोरखपुर : अखिलेश
उत्तरप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तीखा हमला किया। अखिलेश यादव ने यूपी की स्वास्थ सेवाओं, सड़क पर गड्ढों और एक्सप्रेसवे के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान करने पर सरकार को घेरा।
अखिलेश यादव ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को लेकर कहा कि मुख्ममंत्री को अपना जिला जोड़ना था लेकिन अभी तक नहीं जुड़ पाया है। लंबे समय से काम चल रहा है। 90 किलोमीटर सड़क 6 हजार करोड़ में बन रही है। यही लिंक कहीं और से लिंक किया जाता तो गोरखपुर तो जुड़ता ही कई और जिले भी जुड़ जाते। अखिलेश ने कहा कि अभी एमबीबीएस डॉक्टर बन रहे थे, अगर इंजीनियर बन जाते तो गोरखपुर जुड़ जाता और कई अन्य जिले भी जुड़ जाते और अभी भी रोड कंपलीट नहीं है। इससे पहले सत्र के दूसरे दिन जब सीएम योगी ने डेंगू को लेकर कई बातें कही तो अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा था कि लगता है मुख्यमंत्री ने डॉक्टर की डिग्री हासिल कर ली है।
अखिलेश ने कहा कि कोई शहर नहीं है जहां जाम न हो। ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। कहा कि यह लोग सांड़ नहीं नंदी कहते हैं। फिर नंदी का संरक्षण क्यों नहीं कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा सड़कों पर सांड़ दिखते हैं। गौशाला में क्या दुर्दशा है। बजट में केवल 250 करोड़ रखा गया है। इससे कुछ नहीं होना है। अगर ईमानदार हैं तो नंदी की सेवा में केवल 250 करोड़ में हो जाएगी।
कहा कि हर चौराहा, हर डिवाइडर, हर सड़क पर यह दिखाई देते हैं। तहसीलदार की जिम्मेदारी होती है इनके लिए चारा उपलब्ध कराने की। हरदोई में तो दो सांड़ तहलीदार को खोजते हुए तहसील की छत पर चढ़ गए। एक तो चारा के लालच में उतर गया, दूसरा समझदार था नहीं उतरा, हाइड्रा से उतारना पड़ा। सांड़ सड़कों पर दौड़ रहे हैं और इनका चारा पानी अधिकारी लोग खा पी जा रहे हैं।
पहली बार सरकार की आंखों में दलितों के प्रति प्यार...पर विपक्ष का पलटवार - देखा है पहली बार बेटियों की हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं चारों ओर
विधान परिषद में बजट चर्चा के दौरान एमएलसी विद्या सागर सोनकर ने अनुपूरक बजट की तारीफ करते हुए कहा कि दलितों की बात तो सभी कर रहे हैं लेकिन सपा- बसपा की सरकारों ने दलितों की कभी भी सुध नहीं ली।
हकीकत तो यह है कि भाजपा सरकार से ही दलितों को हक दिया। योगी- मोदी सरकार ने उनके जीवन यापन का इंतजाम किया।
उन्होंने फिल्म का गाना भी गुनगुनाया कि देखा है पहली बार सरकार की आंखों में दलितों के प्रति प्यार...। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और कहा कि देखा है पहली बार बेटियों की हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं चारों ओर। इस दौरान सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के बीच काफी देर तक नोकझोंक होती रही। पीठासीन सभापति ने कार्रवाई की चेतावनी दी तब जाकर मामला शांत हुआ।
एमएलसी विद्या सागर सोनकर ने कह कि वह खुद दलित समाज से आते हैं। भाजपा सरकार ने दलित उत्थान की दिशा में जितना कार्य किया है, उतना कभी नहीं हुआ। उन्होंने डा. आंबेडकर के विचारों से लेकर कांशीराम के विचारों का जिक्र किया तो सपा-बसपा ने विरोध जताते हुए कहा कि यहां किसी पार्टी का इतिहास बताने की जरूरत नहीं है।
इस मुद्दे पर भी काफी देर तक दोनों पक्षों में बहस हुई। विद्या सागर ने कहा कि पहले गांव जाते थे तो पहले जनरेटर दुरुस्त कराया जाता था। अब जनरेटर की जरूरत ही खत्म हो गई है। सपा के एमएलसी डा. मानसिंह यादव ने कहा कि सपा सरकार में जितने पावर प्लांट लगे थे। भाजपा उन्हें आगे नहीं बढ़ा पाई है। शिक्षामित्र आत्महत्या करने के लिए विवश हैं। बेसिक शिक्षा का बजट सिर्फ 39 फीसदी खर्च हुआ है।
करीब- करीब यही स्थिति अन्य विभागों की है। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में दलित- पिछड़े आत्महत्या कर रहे हैं। इसी तरह भाजपा एमएलसी डा. प्रज्ञा त्रिपाठी, सुरेंद्र चौधरी, गोविंद नारायण,सहित अन्य सदस्यों ने अनुपूरक बजट को जनहितकारी और कल्याणकारी बताया। सपा के लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा, मुकुल यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, बसपा के डा. भीमराव अंबेडकर ने अनुपूरक बजट की जरूरत पर सवाल उठाया और सरकार की नीतियों की आलोचना की।