कड़कड़ाती सर्द रात में रातभर ठिठुरने के बाद सुबह आठ बजे मिला शिक्षक/ शिक्षिकाओं क़ो नियुक्ति पत्र, नहीं जला अलावा तक
मधुसूदन सिंह
बलिया।। स्थानीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और इनके मातहत अधिकारी कितने असंवेदनशील है, इसका नजारा शनिवार की रात क़ो देखने क़ो मिला है। शासन के आदेश पर काउंसलिंग के बाद योग्य अभ्यर्थियों क़ो शनिवार क़ो प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति वाला नियुक्ति पत्र जारी होना था। नियुक्ति पत्र लेने के लिये शिक्षक और शिक्षिकायें बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर दिन से पहुंचे थे। इनको यही बताया जा रहा था कि बस थोड़ी देर में नियुक्ति पत्र जारी हो जायेगा, लेकिन यह थोड़ी देर पुरी रात भी खत्म नहीं हुआ और सुबह आठ बजे के बाद 205 शिक्षकों का नियुक्ति पत्र जारी हुआ।
सवाल यह नहीं है कि नियुक्ति पत्र जारी होने में इतनी देर क्यों लगी, सवाल यह है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और इनके सहायक अधिकारी संवेदनहीन कैसे हो गये। बेसिक शिक्षा अधिकारी क़ो तो यह पता था ही कि नियुक्ति पत्र लेने वालों में महिला शिक्षिकायें भी है और इनकी गोद में छोटे छोटे नौनिहाल भी है। वैसे भी सुबह से सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हुए थे, तो इनकी जिम्मेदारी बनती थी कि कई जगह अलाव जलवाते जिससे इन भावी शिक्षकों क़ो सर्द रात में सर्दी से कुछ राहत मिलती, लेकिन न तो बीएसए साहब और न ही इनके सहायक अधिकारियों ने ऐसा करने की सोची, जिसका नतीजा पुरी रात सभी क़ो खुले आसमान और बरामदे में गुजारनी पड़ी।
सबसे बड़ी लापरवाही तो यह है कि ज़ब शाम तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो पाया तो बीएसए क़ो कहना चाहिए था कि सभी अभ्यर्थी आज घर जाये और रविवार की सुबह आ कर नियुक्ति पत्र लें जाये। लेकिन ऐसा आदेश एक संवेदनशील प्रशासक और उसकी टीम ही दे सकती है, ऐसी शक्ति का बीएसए और इनकी टीम में अभाव साफ दिखा है।