शंकरपुर प्राथमिक विद्यालय की अव्यवस्था से नाराज जिलाधिकारी ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका को सस्पेंड करने के लिये बीएसए क़ो दिया निर्देश, ग्राम प्रधान क़ो दी चेतावनी
जिलाधिकारी ने किया उच्च प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण
बलिया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मंगलवार को शिक्षा क्षेत्र हनुमानगंज के शंकरपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-8 कम्पोजिट) का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों एवं अध्यापकों की उपस्थिति रजिस्टर चेक किया। साथ ही एमडीएम रजिस्टर में पिछले तीन दिन के बच्चों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर , कक्षा और शौचालय की गंदगी, पेयजल की अव्यवस्था,पंजीकृत छात्र छात्राओं की संख्या के सापेक्ष कम उपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापिका रीलम सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सस्पेंड करने का निर्देश दिया।
ग्राम प्रधान क़ो दी चेतावनी
इसी दौरान विद्यालय परिसर में गांव के ग्राम प्रधान ने अवैध कब्जे द्वारा धान की पराली एवं ईंट रखने और गाय भैंस बांधने के मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए मौके पर ग्राम प्रधान को बुलाकर पूछताछ कर फटकार लगाई और बांसडीह थाने के एसओ को बुलाकर 2 घंटे के अंदर सभी वस्तुओं के हटवाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान से कहा कि पहले भी आपने इस प्रकार के अवैध रूप से वस्तुएं रखी थी,जिसे जिला विकास अधिकारी के माध्यम से हटवाया गया था। उन्होंने सख्त तेवर अपनाते हुए चेतावनी दी कि आगे से इस प्रकार की शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।
प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और शिक्षामित्र मिलाकर कुल बारह शिक्षक हैं। विद्यालय में कुल 138 बच्चे पंजीकृत हैं,इनमें से मौके पर 61 बच्चे ही पाए गए।दिसंबर तक विद्यालय को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है। एआरपी और एसआरजी को सहयोग कर फीडबैक दिया जा रहा है। इस विद्यालय की व्यवस्था सुधारने में ग्राम प्रधान ने भी सहयोग किया है। ग्रांट के रूप में मिली 90% राशि खर्च हो गई है।
इसके बाद जिलाधिकारी ने प्रधानाध्यापिका से पूछा कि कायाकल्प योजना के अंतर्गत कितने पैरामीटर पर विद्यालय संतृप्त है, तो प्रधानाध्यापिका ने बताया कि लगभग सभी 19 पैरामीटर पर विद्यालय संतृप्त है जैसे पेयजल, हैंडपंप, बालक- बालिकाओं के लिए अलग शौचालय एवं दिव्यांगों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था, विद्यालय के कमरों के फर्श पर टाइल्स के साथ-साथ रसोईघर के फर्श पर भी टाइल्स लगा था। बच्चों को बैठने के लिए डेस्क ब्रेन्च की व्यवस्था थी।
जिलाधिकारी ने रसोई घर में जाकर रसोइयों से बातचीत कर भोजन की गुणवत्ता को परखा। उन्होंने प्रधानाध्यापिका को शौचालय,विद्यालय परिसर और रसोई घर के साफ सफाई के निर्देश दिए। विद्यालय के परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण कर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की उपस्थिति पंजिका को चेक किया।
जिलाधिकारी ने किया राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय का निरीक्षण
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने विद्यालय निरीक्षण के दौरान ही पास स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय, शंकरपुर का भी निरीक्षण किया। वहां पर उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका चेक किया तो पाया कि एक डॉक्टर बिना प्रार्थना पत्र दिए अनुपस्थित मिला,इस पर जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने वहां उपस्थित कुछ पेशेंट से चिकित्सालय में सही दवाओं के मिलने, डॉक्टरों की उपस्थिति, समय से चिकित्सालय खोलने आदि के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने साकारात्मक जवाब दिया और कहा कि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित होती है।