शिक्षा के क्षेत्र में सावित्री बाई फूले के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता:उमाशंकर सैनी
संतोष कुमार द्विवेदी
नगरा, बलिया। माली विकास मंच के तत्वावधान में सावित्री बाई फुले की 192 वीं जयंती बुधवार को सेंट जे आर एस स्कूल में मनाई गई। माली समाज के लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए। तत्पश्चात् एक सौ एक गरीबों के बीच कंबल वितरण किया गया।
जयंती समारोह को संबोधित करते हुए विजय शंकर माली ने कहा कि सावित्री बाई फुले समाज के गरीब मजदूर लोगों की आवाज थी। उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा के लिए 1852 में विद्यालय की स्थापना किया था। राम जतन माली ने कहा कि सावित्रीबाई फुले समाज में जो बदलाव की लकीर खींची थी, उसे और आगे तक बढ़ाने का हमें संकल्प लेना होगा। अध्यक्षता करते हुए उमाशंकर सैनी ने कहा कि सावित्री बाई फुले अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फूले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य की। वे प्रथम महिला शिक्षिका थी। कहा कि उन्हे आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। इस अवसर पर भारत सैनी, मोनू सैनी, रामचंद्र सैनी, मनीष सैनी लक्ष्मण माली, चंदन माली, प्रथम सैनी सहित काफी संख्या में माली समाज के लोग आदि मौजूद रहे। संचालन प्रमोद सैनी ने किया।