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धारा 144 के वावजूद हजारों लोगों ने मुख़्तार अंसारी को दी मिट्टी, डीएम व अफजाल अंसारी मे हुई बहस



गाजीपुर।। पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की कब्र पर मिट्टी डालने को लेकर गाजीपुर की जिलाधिकारी (डीएम) आर्यका अखौरी और मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी में उस वक्त जोरदार बहस देखने को मिली, जब धारा-144 लागू होने के बावजूद कब्रिस्तान के पास हजारों की भीड़ जमा हो गई।


बता दे कि मुख्तार अंसारी के शव को शनिवार को गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद स्थित उसके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इससे पहले उनका जनाजा निकला जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।जब जनाजा कब्रिस्तान के अंदर चला गया तो वहां कम से कम पांच हजार लोग मौजूद थे।इसके पहले माफिया मुख्तार अंसारी का जनाजा कब्रिस्तान पहुंचा।



भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने खुद हाथ में माइक ले ली और लोगों से पीछे हटने की अपील करते रहे, साथ ही यह सूचना देते रहे कि कब्रिस्तान के अंदर सिर्फ परिवार को जाने की अनुमति है।हालांकि कुछ लोगों ने दीवार फांदने की कोशिश भी की।


इस बीच, कब्रिस्तान के पास भीड़ को लेकर गाजीपुर की जिलाधिकारी (डीएम) आर्यका अखौरी और मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी में जोरदार बहस हो गई। जब डीएम ने कहा  कि आप भीड़ जमा नहीं कर सकते हैं क्योंकि यहां धारा-144 लागू है, तो इसपर अफ़ज़ल अंसारी ने कहा कि आप मिट्टी डालने से किसी को नहीं रोक सकते है।


सांसद अफजल अंसारी ने कहा, "ये आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे." इसके बाद डीएम आर्यका अखौरी ने कहा, "मैं जिला अधिकारी हूं, आपने परमिशन नहीं ली है, हम विधिक कार्रवाई करेंगे." इसके जवाब में सांसद ने कहा, "आप कुछ भी हों, मिट्टी देने के लिए, अपने धार्मिक प्रायोजन के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं। डीएम मैडम को बताना चाहिए कि धारा-144 में अंतिम संस्कार के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती है क्या?


बता दे कि मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिता व मां की कब्र के समीप खोदी गई है।सुरक्षा के लिहाज से कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती रही। इससे पहले मुख्तार अंसारी का शव एंबुलेंस से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गाजीपुर पहुंचा। कब्रिस्तान के बाहर पुलिस का सख्त पहरा रहा। समर्थकों ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर जनाजे के लिए रास्ता बनाया।



ग़ाज़ीपुर में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के आवास के बाहर सुबह कुछ देर तक शव को रखा गया। मुख्तार अंसारी का शव भारी पुलिस बल के साथ रात 1:15 बजे पैतृक कस्बा मुहम्मदाबाद के आवास पर पहुंचा। शव आने की सूचना पर हजारों की संख्या में समर्थक जुट गए। सुरक्षा के लिहाज से कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती रही।