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मिड्ढी शिव मंदिर के आसपास खुली मीट मुर्गा अंडा की दुकाने, शिव भक्तों में आक्रोश, डीएम एसपी मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन




समिति अध्यक्ष ने कहा - नहीं हटने पर होगा आमरण अनशन

बलिया।। थाना कोतवाली क्षेत्र के मिड्ढी मुहल्ले में लबे मुख्य सड़क स्थित भगवान शिव व हनुमान मंदिर के आसपास मीट मुर्गा अंडा की दुकानों के खुलने से स्थानीय धर्मावलंबियों में आक्रोश बढ़ रहा है। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने इन दुकानों को यहां से दूर हटाने के लिये जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी, कोतवाल से लगायत प्रमुख सचिव व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक शिकायती पत्र भेजकर गुहार लगायी है।

श्री सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आगामी दिनों में हमारे त्यौहार आ रहे है, ऐसे में मंदिर के पास ही इन दुकानों के चलने से शिव भक्तों में आक्रोश बढ़ रहा है। कहा कि अगर जल्द से जल्द इन मीट मुर्गा अंडे की दुकानों को प्रशासन बंद नहीं कराता है तो इसके लिये स्थानीय लोग अनशन, धरना प्रदर्शन के साथ ही आमरण अनशन तक शुरू कर देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होंगी।



सूच्य हो कि उक्त मन्दिर में प्रतिदिन सैकड़ों लोग पूजा-पाठ करने व दर्शन करने आते रहते है, और समय-समय पर शिव मन्दिर के चौहद्दी में उत्सव व मेला का भी आयोजन होता रहता है। इसके अलावे मन्दिर के निकट ही दुर्गा पंडाल कायम किया जाता रहा है, व छठ पूजन का आयोजन भी होता रहता है, और महाबीरी झण्डा की चौकी तथा महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात भी शिव मन्दिर से निकाली जाती है। इस प्रकार मन्दिर व उसके आस- पास आस्था का माहौल बना रहता है। उक्त मन्दिर के दक्षिण तरफ करीब 20 मीटर की दूरी पर अवैध बुचड़-खाना, जमाल पुत्र अज्ञात निवासी हनुमानगंज, चलाता है। उक्त बुचड़खाना, राज कुमार पुत्र स्व० टुनटुन राम निवासी मिट्ठी की मकान में किराये पर चलता है। इसी प्रकार उक्त मंन्दिर के उत्तर तरफ करीब 30 मीटर की दूरी पर अन्य बुचड़खाना जो मालिक मकान गुप्तेश्वर उर्फ मुन्नू राम पुत्र जरहा की मकान में किराये पर चल रहा है, और उक्त बुचड़खाने का प्रोपराइटर गोल कुरैशी पुत्र वसीम कुरैशी निवासी गुरूद्वारा रोड, कासीम बाजार, बलिया अवैध तौर पर चलाता है।

 उक्त दोनों बुचड़खाना मन्दिर के अगल-बगल में चलाया जा रहा है। जिससे मन्दिर में लोगों के आने जाने व पूजा-पाठ करने में व्यवधान पैदा हो रहा है और मन्दिर के आस-पास के वातावरण की पवित्रता और शुचिता पर संकट आ गया है, जो निर्गत शासनादेशों के विपरीत है। इसके अलावे  उक्त दोनों बुचड़खाना रिहायसी इलाके में गैर कानूनी तौर पर चलाये जा रहे है। जिससे वातावरण प्रदुषित होने और बीमारी फैलाने का खतरा पैदा हो गया है। ऐसी स्थिति में उक्त दोनों बुचड़खाना तत्काल बंद कराया जाना व उसके संचालको के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही किया जाना जनहित में आवश्यक है। ताकि उक्त मन्दिर में पुजा-पाठ करने व धार्मिक आयोजनों को संचालित करने में शुचिता कायम हो सकें और रिहायशी इलाके के नागरिको की बीमारी से रक्षा की जा सकें।